एमपी: हाईकोर्ट में बुजुर्गो ने लगाई याचिका, डीजे की तेज आवाज पर प्रतिबंध लगाया जाए

एमपी: हाईकोर्ट में बुजुर्गो ने लगाई याचिका, डीजे की तेज आवाज पर प्रतिबंध लगाया जाए

प्रेषित समय :16:40:01 PM / Thu, Oct 24th, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर

पलपल संवाददाता, जबलपुर. एमपी के जबलपुर में नाना देशमुख वेटनरी यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति गोविंद प्रसाद मिश्रा 83 सेवानिवृत्त व आईएएफ अधिकारी आरपी श्रीवास्तव सहित अन्य चार सेवानिवृत अधिकारियों ने मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए मांग की है कि डीजे की तेज आवाज पर पाबंदी लगाई जाए. उन्होंने बताया कि शादियों व धार्मिक आयोजन के दौरान जब बहुत तेज आवाज में डीजे बजाय जाता हैं तो लोग उसकी धमक को सहन नहीं कर पाते हैएखास तौर पर वो बुजुर्ग जिनकी उम्र 80 साल के पार हो गई है.

हाईकोर्ट को बताया कि मानव शरीर 75 डेसीबल आवाज की तीव्रता सहन कर सकता है. इससे अधिक आवाज ध्वनि प्रदूषण की श्रेणी में आती है. मामले पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. डीजे की तेज आवाज को लेकर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने अनावेदकों को नोटिस जारी किया है. हाईकोर्ट जस्टिस संजीव सचदेवा व विनय सराफ की डिवीजन बेंच को याचिकाकर्ताओं ने बताया कि डीजे की तेज आवाज से लोगों को हार्ट अटैक आ रहा है और ब्लड प्रेशर भी बढ़ रहा है. याचिकाकर्ता के वकील आदित्य संघी ने कोर्ट को बताया गया कि डीजे की तीव्रता 100 डेसीबल से अधिक होती है जिसके कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.

इसके अलावा तेज आवाज के कारण लोग बहरे हो रहे हैं. लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. याचिका में शहर की मॉडल रोड में अवैध पार्किंग का मामला भी उठाया गया था. कहा गया था कि इस सड़क का नामकरण इस उद्देश्य के साथ किया गया था कि यह शहर की आदर्श रोड बने. इसके विपरीत सड़क टैक्सी व ऑटो के लिए अवैध पार्किंग स्थल बन गया है. याचिकाकर्ताओं की और से अधिवक्ता आदित्य संधी ने दलील दी.

हाईकोर्ट में चली सुनवाई के दौरान अधिवक्ता आदित्य संघी ने युगलपीठ को बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने भी ध्वनि प्रदूषण को गंभीर समस्या माना है. जिसका विपरीत असर मानव जीवन पर पड़ रहा है और वह बीमारियों का शिकार हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब तेज आवाज में डीजे बजता है तो पूरा शरीर हिल जाता हैए कई बार तो ऐसा होता है कि तेज धमक से कुछ देर तक सुनाई देना बंद हो जाता है. याचिका में मॉडल रोड का जिक्र करते हुए यह भी बताया गया कि यहां दवा बाजार स्थित है. जिसमें लगभग 60 दुकान है परंतु पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं हैए जिसके कारण दुकान संचालक-कर्मचारी तथा आने वाले ग्राहक सड़क पर पार्किंग करते हैं.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-