अभिमनोज
जरूरतमंदों की सेवा से बड़ा कोई सुख नहीं है, यह कहना है सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का, जो इस 10 नवंबर 2024 को सेवानिवृत्त हो जाएंगे.
शुक्रवार, 8 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में उनका आखिरी वर्किंग डे था, उनकी विदाई के लिए सेरेमोनियल बेंच बैठी और शाम को विदाई समारोह रखा गया.
इस अवसर पर उन्होंने अनेक विचार और अनुभव साझा किए.
खबरें हैं कि.... उन्होंने कहा कि- मेरी मां ने मुझे बचपन में कहा था कि मैंने तुम्हारा नाम धनंजय रखा है, लेकिन तुम्हारे ’धनंजय’ का ’धन’ भौतिक संपत्ति नहीं है, मैं चाहती हूं कि तुम ज्ञान अर्जित करो.
उन्होंने अपने पिता से जुड़ा एक किस्सा भी सुनाते हुए कहा कि- मेरे पिता ने पुणे में एक छोटा सा फ्लैट खरीदा, मैंने उनसे पूछा- आप पुणे में फ्लैट क्यों खरीद रहे हैं? हम वहां कब रहने जाएंगे??
इस पर उन्होंने मुझसे कहा कि- मुझे पता है कि मैं वहां कभी नहीं रहने वाला, मुझे नहीं पता कि मैं कितने समय तक तुम्हारे साथ रहूंगा, लेकिन इस फ्लैट को तब तक रखना जब तक तुम जस्टिस के रूप में अपनी सेवा पूरी नहीं कर लेते.
जब मैंने उनसे पूछा कि- ऐसा क्यों?
तो उन्होंने कहा कि- अगर कभी तुम्हें लगे कि तुम्हारी नैतिकता या बौद्धिक ईमानदारी से समझौता हो रहा है, तो मैं चाहता हूं कि तुम्हें यह पता हो कि तुम्हारे सिर पर छत है, वकील या जज रहते हुए कभी भी यह सोचकर अपने उसूलों से समझौता मत करना कि तुम्हारे पास अपना घर नहीं है.
उनका यह भी कहना था कि- मुझसे पूछा जाता है कि मुझे प्रेरणा कहां से मिलती है? यह प्रेरणा मुझे इस अदालत से मिलती है, क्योंकि एक भी ऐसा दिन नहीं होता जब आपको यह महसूस न हो कि आपने कुछ नया सीखा है या समाज की सेवा करने का अवसर नहीं मिला है, जरूरतमंदों की सेवा करने से बढ़कर कोई सुख नहीं है, जिनसे आप कभी नहीं मिलेंगे, जिनको आप शायद जानते भी नहीं होंगे, जिनकी जिंदगियों पर आप बिना मिले भी असर डाल सकते हैं.
खबरों की मानें तो.... सुप्रीम कोर्ट के वर्तमान जजों में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने सबसे ज्यादा फैसले लिखे हैं, आखिरी दिन उन्होंने 45 केस सुने.
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ 13 मई 2016 को बतौर सिटिंग जज, इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस से सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नत किए गए थे, जो अपने कार्यकाल में 1274 बेंचों का हिस्सा रहे और उन्होंने कुल 612 फैसले लिखे.
उनके कार्यकाल के बड़े फैसलों में- आर्टिकल 370, राम जन्मभूमि मंदिर, वन रैंक-वन पेंशन, मदरसा केस, सबरीमाला मंदिर विवाद, चुनावी बॉन्ड की वैधता, सीएए-एनआरसी आदि शामिल हैं!
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ : जरूरतमंदों की सेवा से बड़ा कोई सुख नहीं है!
प्रेषित समय :22:08:54 PM / Fri, Nov 8th, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर