- प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी (व्हाट्सएप- 8875863494)
* कालाष्टमी - 22 दिसम्बर 2024
* कृष्ण अष्टमी प्रारम्भ - 14:31, 22 दिसम्बर 2024
* कृष्ण अष्टमी समाप्त - 17:07, 23 दिसम्बर 2024
* जिस दिन भगवान शिव भैरव के रूप में प्रकट हुए थे, उसे कालभैरव जयन्ती कहा जाता है. कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दौरान इसे मनाया जाता है. इसलिए हर कृष्ण पक्ष की अष्टमी, कालाष्टमी कहलाती है.
* इस दिन काल भैरव का दर्शन-पूजन सर्व मनोकामना पूर्ण करता है. इस दिन प्रातः पवित्र नदी-सरोवर में स्नान के बाद पितरों का श्राद्ध-तर्पण करके भैरव पूजा-व्रत करने से तमाम विघ्न समाप्त हो जाते हैं, दीर्घायु प्राप्त होती है.
* देवी भक्त कालाष्टमी के दिन काल भैरव के साथ-साथ देवी कालिका की पूजा-अर्चना-व्रत भी करते हैं. भैरव पूजा-आराधना करने से परिवार में सुख-समृद्धि के साथ-साथ स्वास्थ्य रक्षा और अकाल मौत से सुरक्षा भी होती है.
* कालभैरव अष्टमी पर भैरव के दर्शन-पूजन मात्र से अशुभ कर्मों से मुक्ति मिलती है, क्रूर ग्रहों के कुप्रभाव से छुटकारा मिलता है.
* भोलेनाथ के भैरव स्वरूप की पूजा, उपासना करने वाले शिवभक्तों को भैरवनाथ की पूजा करके अर्घ्य देना चाहिए.
* रात्रि जागरण करके शिव-पार्वती की कथा और भजन-कीर्तन करना चाहिए. भैरव कथा का श्रवण और आरती करनी चाहिए.
* भगवान भैरवनाथ की प्रसन्नता के लिए उनके वाहन श्वान- कुत्ते को भोजन कराना चाहिए.
* इस दिन प्रातः पवित्र नदी-सरोवर में स्नान करके पितरों का श्राद्ध-तर्पण करके भैरव-पूजा-व्रत करने से सारे विघ्न समाप्त हो जाते हैं.
* अकाल मृत्यु से रक्षा होकर दीर्घायु प्राप्त होती है.
॥ श्री भैरव आरती ॥
सुनो जी भैरव लाड़िले,कर जोड़ कर विनती करूँ.
कृपा तुम्हारी चाहिए,मैं ध्यान तुम्हारा ही धरूँ.
मैं चरण छुता आपके,अर्जी मेरी सुन लीजिये॥
सुनो जी भैरव लाड़िले॥
मैं हूँ मति का मन्द,मेरी कुछ मदद तो कीजिये.
महिमा तुम्हारी बहुत,कुछ थोड़ी सी मैं वर्णन करूँ॥
सुनो जी भैरव लाड़िले॥
करते सवारी स्वान की,चारों दिशा में राज्य है.
जितने भूत और प्रेत,सबके आप ही सरताज हैं॥
सुनो जी भैरव लाड़िले॥
हथियार हैं जो आपके,उसका क्या वर्णन करूँ.
माता जी के सामने तुम,नृत्य भी करते सदा॥
सुनो जी भैरव लाड़िले॥
गा गा के गुण अनुवाद से,उनको रिझाते हो सदा.
एक सांकली है आपकी,तारीफ उसकी क्या करूँ॥
सुनो जी भैरव लाड़िले॥
बहुत सी महिमा तुम्हारी,मेंहदीपुर सरनाम है.
आते जगत के यात्री,बजरंग का स्थान है॥
सुनो जी भैरव लाड़िले॥
श्री प्रेतराज सरकार के,मैं शीश चरणों में धरूँ.
निशदिन तुम्हारे खेल से,माताजी खुश रहें॥
सुनो जी भैरव लाड़िले॥
सिर पर तुम्हारे हाथ रख कर,आशीर्वाद देती रहें.
कर जोड़ कर विनती करूँ,अरु शीश चरणों में धरूँ॥
सुनो जी भैरव लाड़िले॥
श्री त्रिपुरा सुंदरी धर्म-कर्म पंचांग : 22 दिसम्बर 2024
* मासिक कृष्ण जन्माष्टमी - 22 दिसम्बर 2024, रविवार
* मासिक कृष्ण जन्मोत्सव - 00:05 से 00:58, 23 दिसम्बर 2024
* कृष्ण अष्टमी प्रारम्भ - 14:31, 22 दिसम्बर 2024
* कृष्ण अष्टमी समाप्त - 17:07, 23 दिसम्बर 2024
भानु सप्तमी, कालाष्टमी, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी, शक सम्वत1946, विक्रम सम्वत 2081, अमान्त महीना मार्गशीर्ष, पूर्णिमान्त महीना पौष, वार रविवार, पक्ष कृष्ण, तिथि सप्तमी - 14:31 तक, नक्षत्र उत्तराफाल्गुनी, योग आयुष्मान् - 19:00 तक, करण बव - 14:31 तक, द्वितीय करण बालव - 03:47, (23 दिसम्बर 2024) तक, सूर्य राशि धनु, चन्द्र राशि सिंह - 12:56 तक, राहुकाल 16:32 से 17:52, अभिजित मुहूर्त 12:10 से 12:52भानु सप्तमी, कालाष्टमी, मासिक कृष्ण जन्माष्टमी, शक सम्वत1946, विक्रम सम्वत 2081, अमान्त महीना मार्गशीर्ष, पूर्णिमान्त महीना पौष, वार रविवार, पक्ष कृष्ण, तिथि सप्तमी - 14:31 तक, नक्षत्र उत्तराफाल्गुनी, योग आयुष्मान् - 19:00 तक, करण बव - 14:31 तक, द्वितीय करण बालव - 03:47, (23 दिसम्बर 2024) तक, सूर्य राशि धनु, चन्द्र राशि सिंह - 12:56 तक, राहुकाल 16:32 से 17:52, अभिजित मुहूर्त 12:10 से 12:52
रविवार चौघड़िया- 22 दिसम्बर 2024
दिन का चौघड़िया
उद्वेग - 07:10 से 08:31
चर - 08:31 से 09:51
लाभ - 09:51 से 11:11
अमृत - 11:11 से 12:31
काल - 12:31 से 13:51
शुभ - 13:51 से 15:11
रोग - 15:11 से 16:32
उद्वेग - 16:32 से 17:52
रात्रि का चौघड़िया
शुभ - 17:52 से 19:32
अमृत - 19:32 से 21:11
चर - 21:11 से 22:51
रोग - 22:51 से 00:31
काल - 00:31 से 02:11
लाभ - 02:11 से 03:51
उद्वेग - 03:51 से 05:31
शुभ - 05:31 से 07:11
चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें. अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है. यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय समय, परंपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि यहां दिया जा रहा समय अलग-अलग शहरों में स्थानीय समय के सापेक्ष थोड़ा अलग हो सकता है. अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!
आज का राशिफल -
मेष राशि:- कार्यस्थल पर सुधार व परिवर्तन हो सकता है.व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल रहेंगे. नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा. सुख के साधनों की प्राप्ति की कोशिशें कामयाब रहेंगी. नए काम हाथ में आएंगे. धन प्राप्ति सुगम होगी. निवेश में सोच-समझकर हाथ डालें. स्वास्थ्य का ध्यान रखें.
वृष राशि:- धर्म-कर्म में रुचि रहेगी. सत्संग का लाभ मिलेगा. नए मित्र बनेंगे. कोर्ट व कचहरी के कार्य मनोनुकूल रहेंगे. लाभ के अवसर अवसर बढ़ेंगे. समस्याएं कम होंगी. मान-सम्मान मिलेगा. मित्र व रिश्तेदारों से संबंध सुधरेंगे. बुद्धि का प्रयोग करें. व्यापार-व्यवसाय व नौकरी से अनुकूलता बनी रहेगी.
मिथुन राशि:- चोट व दुर्घटना से हानि की आशंका बनती है. आशंका-कुशंका के चलते कार्य प्रभावित होंगे. स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा. विवाद को बढ़ावा न दें. झंझटों से दूर रहें. कीमती वस्तुएं संभालकर रखें. आर्थिक परेशानी आ सकती है. आय में निश्चितता रहेगी. जोखिम न लें.
कर्क राशि:- प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी. कोर्ट व कचहरी के कामों की रुकावट दूर होगी. स्थिति मनोनुकूल रहेगी. कारोबार में लाभ वृद्धि होगी. नौकरी में सहकर्मी साथ देंगे. घर-परिवार की चिंता बनी रहेगी. निवेश में लाभ होगा. घर में सभी सदस्य आनंदपूर्वक रहेंगे. दूसरों के काम में हस्तक्षेप न करें.
सिंह राशि:- भूमि व भवन संबंधी बाधा दूर होकर लाभ की स्थिति निर्मित होगी. कोई बड़ा सौदा बड़ा लाभ दे सकता है. व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल चलेगा. नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा. बेरोजगारी दूर करने के प्रयास सफल रहेंगे. किसी प्रभावशाली व्यक्ति का सहयोग प्राप्त होगा. जल्दबाजी न करें.
कन्या राशि:- विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा. किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा. यात्रा मनोरंजक रहेगी. कारोबार से लाभ होगा. उत्साह व प्रसन्नता रहेगी
तुला राशि:- वाणी में हल्के शब्दों के प्रयोग से बचें. अकारण क्रोध व उत्तेजना रह सकते हैं. बेवजह किसी से विवाद हो सकता है. बुरी खबर मिल सकती है. स्वास्थ्य का पाया कमजोर रहेगा. काम में मन नहीं लगेगा. मन में संवेदनशीलता अधिक रहेगी. आय में निश्चितता रहेगी. भागदौड़ रहेगी. जोखिम न उठाएं.
वृश्चिक राशि:- मेहनत का पूरा-पूरा फल मिलेगा. काम में उत्साह व प्रसन्नता से ध्यान दे पाएंगे. वाद-विवाद से अपना पक्ष मजबूत कर पाएंगे. मित्रों का सहयोग कर पाएंगे. सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी. व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा. नौकरी में प्रभाव क्षेत्र बढ़ेगा. निवेश में जल्दबाजी न करें.
धनु राशि:- चोट व रोग से बचें. जीवनसाथी से सहयोग मिलेगा. उत्साहवर्धक सूचना प्राप्त होगी. भूले-बिसरे साथियों से मुलाकात होगी. आत्मसम्मान बना रहेगा. जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे. आय में वृद्धि होगी. नए मित्र बनेंगे. जीवन सुखमय व्यतीत होगा. प्रसन्नता बनी रहेगी.
मकर राशि:- रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे. भेंट व उपहार की प्राप्ति होगी. व्यापार-व्यापार अच्छा चलेगा. निवेश शुभ रहेगा. नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं. व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल रहेगी. प्रसन्नता तथा उत्साह में वृद्धि होगी. जोखिम न लें. प्रमाद से बचें.
कुम्भ राशि:- फालतू खर्च होगा. लाभ के अवसर टलेंगे. दुष्टजन हानि पहुंचा सकते हैं. चोट व रोग से बचें. जोखिम व जमानत के कार्य टालें. कीमती वस्तुएं संभालकर रखें. किसी व्यक्ति से व्यर्थ में विवाद हो सकता है. सम्मान को ठेस पहुंच सकती है. व्यवसाय ठीक चलेगा.
मीन राशि:- व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी. रुका हुआ धन प्राप्त हो सकता है. कारोबार में वृद्धि के योग हैं. नौकरी में अमन-चैन रहेगा. अधिकारी प्रसन्न रहेंगे.
* आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ) वाट्सएप नम्बर 7879372913
* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.