धन-संपदा और सौन्दर्य प्रदायक श्रीकृष्‍ण के सरल मंत्र:

धन-संपदा और सौन्दर्य प्रदायक श्रीकृष्‍ण के सरल मंत्र:

प्रेषित समय :19:35:39 PM / Wed, Dec 25th, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर

श्रीकृष्ण के विभिन्न मंत्र दिए गए हैं. इन मंत्र मंत्रों के जाप से धन-संपदा-सुख-सौभाग्य-सौन्दर्य की प्राप्ति होती है. शुभ प्रभाव बढ़ाने व सुख प्रदान करने में यह मंत्र अत्यंत प्रभावी माने गए हैं. पाठकों की सुविधा के लिए हमने मंत्र से संबंधित जानकारी भी यहां दी है.
यह श्रीकृष्ण का सप्तदशाक्षर महामंत्र है. इस मंत्र का पांच लाख जाप करने से यह मंत्र सिद्ध हो जाता है. जप के समय हवन का दशांश अभिषेक का दशांश तर्पण तथा तर्पण का दशांश मार्जन करने का विधान शास्त्रों में वर्णित है. जिस व्यक्ति को यह मंत्र सिद्ध हो जाता है उसे करोड़पति होने से कोई नहीं रोक सकता.
*‘गोवल्लभाय स्वाहा’*
इस सात (7) अक्षरों वाले श्रीकृष्ण मंत्र का जाप जो भी साधक करता है उसे संपूर्ण सिद्धियों की प्राप्ति होती है. साथ ही धन की कामना करने वाले व्यक्ति को इस मंत्र का निरंतर जाप करना चाहिए. मंत्र के सवा लाख होते ही आर्थिक स्थिति में आश्चर्यजनक रूप से सुधार होने लगेगा.
*गोकुल नाथाय नमः’*
इस आठ (अक्षरों वाले श्रीकृष्णमंत्र का जो भी साधक जाप करता है उसकी सभी इच्छाएं व अभिलाषाएं पूर्ण होती हैं.
*‘क्लीं ग्लौं क्लीं श्यामलांगाय नमः’*
यह दशाक्षर (10) मंत्र श्रीकृष्ण का है. इसका जो भी साधक जाप करता है उसे संपूर्ण सिद्धियों की प्राप्ति होती है. तथा यह मंत्र तेजी से आर्थिक सफलता के द्वार खोलता है. इस मंत्र के प्रभाव से धन-धान्य में वृद्धि होती है.
*‘ॐ नमो भगवते श्रीगोविन्दाय’*
इस कृष्ण द्वादशाक्षर (12) मंत्र का जो भी साधक जाप करता है, उसे सबकुछ प्राप्त हो जाता है. यह मंत्र प्रेम विवाह कराने में चमत्कारी सिद्ध होता है.
*‘ऐं क्लीं कृष्णाय ह्रीं गोविंदाय श्रीं गोपीजनवल्लभाय स्वाहा ह्र्सो.’*
यह बाईस (22) अक्षरों वाला श्रीकृष्ण का मंत्र है. जो भी साधक इस मंत्र का जाप करता है उसे वागीशत्व (वाणी का वरदान) की प्राप्ति होती है.
*‘ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीकृष्णाय गोविंदाय गोपीजन वल्लभाय श्रीं श्रीं श्री’*
यह तेईस (23) अक्षरों वाला श्रीकृष्ण का मंत्र है. जो भी साधक इस मंत्र का जाप करता है उसकी धन की प्राप्ति की सभी बाधाएं स्वतः समाप्त हो जाती हैं. पैसा खुद चलकर आने लगता है.
*‘ॐ नमो भगवते नन्दपुत्राय आनन्दवपुषे गोपीजनवल्लभाय स्वाहा’*
यह अट्ठाईस (28) अक्षरों वाला श्रीकृष्णमंत्र है. जो भी साधक इस मंत्र का जाप करता है उसको समस्त अभिष्ट वांछित वस्तुएं प्राप्त होती हैं.
*‘लीलादंड गोपीजनसंसक्तदोर्दण्ड बालरूप मेघश्याम भगवन विष्णो स्वाहा.’*
यह उन्तीस (29) अक्षरों वाला श्रीकृष्ण मंत्र है. इस श्रीकृष्ण मंत्र का जो भी साधक एक लाख जप और घी, शक्कर तथा शहद में तिल व अक्षत को मिलाकर होम करते हैं, उन्हें स्थिर लक्ष्मी अर्थात स्थायी संपत्ति की प्राप्ति होती है.
*‘नन्दपुत्राय श्यामलांगाय बालवपुषे कृष्णाय गोविन्दाय गोपीजनवल्लभाय स्वाहा.’*
यह बत्तीस (32) अक्षरों वाला श्रीकृष्ण मंत्र है. इस श्रीकृष्ण मंत्र का जो भी साधक एक लाख बार जाप करता है तथा पायस, दुग्ध व शक्कर से निर्मित खीर द्वारा दशांश हवन करता है उसकी समस्त आर्थिक मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
*‘ॐ कृष्ण कृष्ण महाकृष्ण सर्वज्ञ त्वं प्रसीद मे. रमारमण विद्येश विद्यामाशु प्रयच्छ मे॥’*
यह तैंतीस (33) अक्षरों वाला श्रीकृष्णमंत्र है. इस श्रीकृष्णमंत्र का जो भी साधक जाप करता है उसे समस्त प्रकार की विद्याएं निःसंदेह प्राप्त होती हैं. यह मंत्र गोपनीय माना गया है इसे करते समय किसी को पता नहीं चलना चाहिए.
*॥ कृष्णःकर्षति आकर्षति सर्वान जीवान्‌ इति कृष्णः॥*
*॥ ओम्‌ वेदाः वेतं पुरुषः महंतां देवानुजं प्रतिरंत जीव से॥*
*_भगवान श्रीकृष्ण का पूजन त्रिकाल संध्या करना चाहिए. भगवान राधा-कृष्ण को सोमवार- सफेद वस्त्र, मंगलवार को लाल, बुधवार को हरा, गुरुवार को पीला, शुक्रवार को सफेद, शनिवार को नीला एवं रविवार को लाल वस्त्र से भगवान का श्रृंगार किया जाना चाहिए.*

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-