-प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी, एस्ट्रो एडवाइजर (व्हाट्सएप- 8875863494)
* स्कन्द षष्ठी - 5 जनवरी 2025, रविवार
* शुक्ल षष्ठी प्रारम्भ - 22:00, 4 जनवरी 2025
* शुक्ल षष्ठी समाप्त - 20:15, 5 जनवरी 2025
* दक्षिण भारत में स्कन्द सुप्रसिद्ध देवता हैं, जिनकी पूजा से संपन्नता प्राप्त होती है.
* स्कन्द देव, भगवान भोलेनाथ और देवी पार्वती के पुत्र और भगवान श्रीगणेश के भाई हैं.
* दक्षिण भारत में भगवान स्कन्द को मुरुगन, कार्तिकेय, सुब्रह्मण्य आदि स्वरूपों में जाना जाता है.
* षष्ठी तिथि भगवान स्कन्द को समर्पित है.
* सूरसम्हाराम के बाद आने वाली अगली स्कन्द षष्ठी को सुब्रहमन्य षष्ठी पुकारते हैं.
* दक्षिण भारत में पलनी मुरुगन मन्दिर, स्वामीमलई मुरुगन मन्दिर, तिरुत्तनी मुरुगन मन्दिर, पज्हमुदिचोर्लाई मुरुगन मन्दिर, श्री सुब्रह्मण्य स्वामी देवस्थानम, तिरुप्परनकुंद्रम मुरुगन मन्दिर, मरुदमलै मुरुगन मन्दिर आदि प्रमुख एवं प्राचीन कार्तिकेय के मंदिर हैं.
* भगवान कार्तिकेय की पूजा स्कन्द षष्ठी के दिन की जाती है.
* कार्तिकेय के पूजन से रोग-दोष, दुःख-दारिद्र का निवारण होता है.
* धर्मग्रंथों के अनुसार नारद-नारायण संवाद के दौरान संतान प्राप्ति और संतान की पीड़ाओं का शमन करने के लिए इस व्रत का विधान बताया गया है.
* धर्मग्रंथों के अनुसार भगवान शिव के तेज से उत्पन्न बालक स्कन्द की छह कृतिकाओं ने स्तनपान करा कर रक्षा की थी. इनके छह मुख हैं और उन्हें कार्तिकेय नाम से पुकारा जाने लगा.
* भोलेनाथ और माता पार्वती के पुत्र कार्तिकेय की पूजा मुख्यत: दक्षिण भारत, खासतौर पर तमिलनाडु में होती है.
* भगवान कार्तिकेय के प्रमुख मंदिर तमिलनाडु में ही हैं.
* धर्मधारणा है कि... स्कंद षष्ठी की उपासना से च्यवन ऋषि को आंखों की ज्योति प्राप्त हुई... स्कंद षष्ठी के पाठ से प्रियव्रत का मृत शिशु जीवित हो गया.
* धर्मग्रंथों में उल्लेख है कि... स्कन्द की उत्पत्ति अमावस्या को अग्नि से हुई थी, वे चैत्र शुक्ल पक्ष की षष्ठी को प्रत्यक्ष हुए थे, देवों के द्वारा सेनानायक बनाये गये थे तथा तारकासुर का वध किया था, अत: उनकी पूजा, दीपों, वस्त्रों, अलंकरणों, आदि से की जाती है, साथ ही, स्कंद षष्ठी पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है.
* कार्तिकेय की स्थापना कर अखंड दीपक जलाए जाते हैं, विशेष कार्य की सिद्धि के लिए इस समय की गई पूजा-अर्चना विशेष फलदायी होती है!
श्री त्रिपुरा सुंदरी धर्म-कर्म पंचांग : 4 जनवरी 2025
शक सम्वत 1946, विक्रम सम्वत 2081, अमान्त महीना पौष. पूर्णिमान्त महीना पौष, वार शनिवार, पक्ष शुक्ल, तिथि पंचमी - 22:00 तक, नक्षत्र शतभिषा - 21:23 तक, योग सिद्धि - 10:08 तक, करण बव - 10:51 तक, द्वितीय करण बालव - 22:00 तक, सूर्य राशि धनु, चन्द्र राशि कुम्भ, राहुकाल 09:56 से 11:17, अभिजित मुहूर्त 12:16 से 12:59
शनिवार चौघड़िया- 4 जनवरी 2025
* दिन का चौघड़िया
काल - 07:15 से 08:36
शुभ - 08:36 से 09:56
रोग - 09:56 से 11:17
उद्वेग - 11:17 से 12:37
चर - 12:37 से 13:58
लाभ - 13:58 से 15:18
अमृत - 15:18 से 16:39
काल - 16:39 से 17:59
रात्रि का चौघड़िया
लाभ - 17:59 से 19:39
उद्वेग - 19:39 से 21:18
शुभ - 21:18 से 22:58
अमृत - 22:58 से 00:37
चर - 00:37 से 02:17
रोग - 02:17 से 03:56
काल - 03:56 से 05:36
लाभ - 05:36 से 07:15
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय समय, परंपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि यहां दिया जा रहा समय अलग-अलग शहरों में स्थानीय समय के सापेक्ष थोड़ा अलग हो सकता है.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!
आज का राशिफल -
मेष राशि:- आज धन का आवक बना रहेगा. हर दृष्टिकोण से अच्छा समय है. कोई जोखिम नहीं है. स्वास्थ्य, प्रेम अच्छा है. व्यापारिक दृष्टिकोण से भी रुपए-पैसे आते रहेंगे. आप अच्छी स्थिति में दिखाई पड़ रहे हैं. लेकिन एहतियात बरतें. हनुमान चालीसा का पाठ करें.
वृष राशि:- आज शासन सत्ता पक्ष का सहयोग मिलेगा. उच्चाधिकारी प्रसन्न होंगे. पिता के स्वास्थ्य पर ध्यान दें. बाकी सब ठीक है. स्वास्थ्य मध्यम, प्रेम ठीक, व्यापारिक दृष्टिकोण से ठीक चलने लगे हैं. लाल वस्तु दान करें.
मिथुन राशि:- आज भाग्यवश कोई काम बनेगा. कुछ अच्छी स्थिति की ओर आप जा रहे हैं. कोई रिस्क न लें. स्वास्थ्य, प्रेम अभी भी मध्यम है. पहले से बेहतर स्थिति में जरूर हैं आप. हरी वस्तु पास रखें.
कर्क राशि:- आज स्थिति थोड़ी खराब है. लग्नेश अष्टम भाव में हैं. चोट लग सकती है. किसी परेशानी में पड़ सकते हैं. अचानक परिस्थितियां प्रतिकूल हो सकती हैं. प्रेम में तू-तू, मैं-मैं की स्थिति आ सकती है. व्यापार भी मध्यम जैसा ही है. हनुमान जी को प्रणाम करें.
सिंह राशि:- आज जीवनसाथी के साथ अच्छा समय गुजरेगा. नौकरी-चाकरी में बढ़ोत्तरी होगी. व्यवसायिक लाभ होगा. स्वास्थ्य भी अच्छा है. प्रेम की स्थिति थोड़ी मध्यम है. लाल वस्तु पास रखें.
कन्या राशि:- आज शत्रु उपद्रव सम्भव है. लेकिन कोई कुछ बिगाड़ नहीं पाएगा. शत्रु शमन भी हो जाएगा. स्वास्थ्य थोड़ा डिस्टर्ब करेगा. प्रेम ठीक-ठाक, व्यापार मध्यम रहेगा. लाल वस्तु दान करें.
तुला राशि:- आज क्रोध पर नियंत्रण रखें. स्वास्थ्य मध्यम है. प्रेम में तू-तू, मैं-मैं या क्रोध के शिकार होंगे. व्यापार की स्थिति मध्यम चल रही है. लाल वस्तु दान करें.
वृश्चिक राशि:- आज घरेलू तापमान बढ़ा रहेगा. लक्ष्मी योग का निर्माण हो रहा है जो बहुत काम का है. भूमि,भवन,वाहन की खरीदारी पर विचार हो सकता है. स्वास्थ्य, व्यापार ठीक, प्रेम अच्छा है. बजरंग बाण का पाठ करें.
धनु राशि:- आज पराक्रमी बने रहेंगे. जो चाहते हैं कर डालेंगे. सोची हुई बात को लागू करें. सब ठीक होगा. स्वास्थ्य मध्यम, प्रेम ठीक ठाक, व्यापारिक दृष्टिकोण से अच्छा समय कहा जा सकता है.
मकर राशि:- आज स्थिति अच्छी है. धन का आवक बना रहेगा. लेकिन निवेश न करें. कटु भाषा के प्रयोग से बचें. स्वास्थ्य,प्रेम मध्यम, व्यापार ठीक ठाक रहेगा. लाल वस्तु दान करें.
कुम्भ राशि:- आज सौम्यता बढ़ेगी. स्वास्थ्य, प्रेम मध्यम, व्यापारिक दृष्टिकोण से अच्छे समाचार की प्राप्ति हो सकती है. बजरंग बाण का पाठ करें.
मीन राशि:- आज खर्च की अधिकता से परेशान हो सकते हैं. मानसिक स्थिति क्षीण हो सकती है. आत्मविश्वास की कमी रहेगी. स्वास्थ्य, प्रेम मध्यम है. व्यापारिक दृष्टिकोण से भी मध्यम कहा जा सकता है. लाल वस्तु पास रखें. अच्छा होगा.
* आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ) वाट्सएप नम्बर 7879372913
* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.




