ज्योतिष में मारक ग्रह वे ग्रह होते हैं जो किसी व्यक्ति की कुंडली में स्वास्थ्य, जीवन, या अन्य पहलुओं पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं. मारक ग्रहों का निर्धारण मुख्य रूप से लग्न और उससे जुड़े ग्रहों के आधार पर किया जाता है.
प्रत्येक लग्न के लिए अलग-अलग ग्रह मारक माने जाते हैं, और यह ग्रह व्यक्ति के लिए हानिकारक फल दे सकते हैं, विशेष रूप से दशा-अंतर्दशा में.
1. मेष लग्न :
• मारक ग्रह: शुक्र.
• 2रे और 7वें भाव से जुड़े होने के कारण, शुक्र इस लग्न के लिए मारक है.
2. वृषभ लग्न :
• मारक ग्रह: मंगल.
• मंगल 7वें भाव का स्वामी होने के कारण इस लग्न के लिए मारक ग्रह है.
3. मिथुन लग्न :
• मारक ग्रह: चंद्र और गुरु.
• चंद्रमा और बृहस्पति दोनों इस लग्न के लिए मारक प्रभाव रखते हैं.
4. कर्क लग्न :
• मारक ग्रह: शनि और सूर्य.
• शनि और सूर्य कर्क लग्न वालों के लिए नकारात्मक प्रभाव डालते हैं.
5. सिंह लग्न :
• मारक ग्रह: बुध और शनि.
• बुध और शनि सिंह लग्न वालों के लिए हानिकारक माने जाते हैं.
6. कन्या लग्न :
• मारक ग्रह: गुरु.
• गुरु इस लग्न के लिए मुख्य मारक ग्रह है.
7. तुला लग्न :
• मारक ग्रह: मंगल.
• मंगल तुला लग्न के लिए नकारात्मक प्रभाव डालता है.
8. वृश्चिक लग्न :
• मारक ग्रह: शुक्र.
• शुक्र वृश्चिक लग्न वालों के लिए मारक ग्रह होता है.
9. धनु लग्न :
• मारक ग्रह: बुध और शनि.
• बुध और शनि धनु लग्न के लिए मारक माने जाते हैं.
10. मकर लग्न :
• मारक ग्रह: चंद्र.
• केवल चंद्रमा मकर लग्न वालों के लिए मारक है.
11. कुंभ लग्न :
• मारक ग्रह: सूर्य और गुरु.
• सूर्य और गुरु इस लग्न के लिए मुख्य रूप से मारक हैं.
12. मीन लग्न :
• मारक ग्रह: बुध.
• बुध मीन लग्न वालों के लिए मुख्य मारक ग्रह होता है.
मारक ग्रहों का प्रभाव तब अधिक होता है जब उनकी दशा, अंतर्दशा या गोचर चल रहा हो.
उपायों के माध्यम से इन ग्रहों के नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है.
कुंडली में ग्रहों की स्थिति, दृष्टि, और योगों का ध्यान रखना आवश्यक है, क्योंकि इससे मारक प्रभाव बदल सकता है.
मारक ग्रह कुंडली के लग्न और भावों के आधार पर तय होते हैं. हालांकि, यह ध्यान रखना आवश्यक है कि सभी ग्रह हमेशा हानिकारक फल नहीं देते. यदि मारक ग्रह शुभ ग्रहों की दृष्टि में हों या उनकी स्थिति मजबूत हो, तो उनके प्रभाव को कम किया जा सकता है. इसके अलावा, सूर्य और चंद्र के मामलों में लग्न और उनके साथ जुड़े ग्रहों की स्थिति को विशेष रूप से देखना चाहिए.




