मौनी अमावस्या पर दुर्लभ संयोग, पितृदोष दूर करने के लिए महाकुंभ स्नान करते समय ये उपाय

मौनी अमावस्या पर दुर्लभ संयोग, पितृदोष दूर करने के लिए महाकुंभ स्नान करते समय ये उपाय

प्रेषित समय :19:06:16 PM / Tue, Jan 28th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

 *मौनी अमावस्या 29 जनवरी 2025 को हैं. हिंदू धर्म में मौनी अमावस्या बहुत शुभ मानी गई है. इस बार मौनी अमावस्या की तिथि पर कई शुभ योग बन रहे हैं.मौनी अमावस्या पर महाकुंभ का दूसरा शाही अमृत स्नान किया जाएगा.*

*मौनी अमावस्या का हिंदू धर्म में काफी अधिक महत्व है.मौनी अमावस्या को पवित्रता, तप और आत्मशुद्धि का प्रतीक माना गया है. इस दिन श्रद्धालु मौन धारण करके संगम में स्नान करेंगे.महाकुंभ के अलावा, अन्य श्रद्धालु अन्य नदियों में स्नान करेंगे और पुण्य अर्जित करेंगे. वैसे तो साल में 12 अमावस्या होती हैं, लेकिन साल की मौनी अमावस्या का महत्व बहुत खास होगा. यह अमावस्या बहुत ही शुभ  है. मौनी अमावस्या विशेषकर पितृदोष दूर करने के लिए सबसे उत्तम दिन माना जाता है. वहीं इस बार माघ मास की अमावस्या और महाकुंभ स्नान  का संयोग बनने से मौनी अमावस्या का महत्व बढ़ गया है.* 

*अद्भुत महाकुंभ और मौनी अमावस्या का शुभ संयोग*
*देवताओं द्वारा अमृत मंथन के दौरान जिन चार जगहों पर अमृत की बूंदें गिरी, वहां कुंभ का आयोजन होता है. वहीं, प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का पर्व चल रहा है. महाकुंभ और मौनी अमावस्या का संयोग बहुत शुभ होता है. ऐसे में पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए यह दिन सर्वोत्तम है. ऐसे में गंगा जैसी पवित्र नदियों के तट पर लगे दोष को दूर करना जरूरी है.*
*अमावस्या के दिन करें ये उपाय*

*ज्योतिष अनुसार माघ (माह) मास की अमावस्या के दिन  पितरों को तर्पण देने की भी परंपरा सदियों पुरानी है .काले तिल, सफेद फूल, जों आदि लेकर अपने पिता, दादा, परदादा, साथ ही माता और परदादी, गोत्र, अपना नाम आदि से प्रार्थना करें. यथा शक्ति अन्न, वस्त्र, तिल, चावल का दान करें.* 

*मिलेगी पितृदोष से मुक्ति* 
*'पितृभ्यश्च स्वधा , पितृभ्याम स्वधा , पितृभ्याम स्वधा' का जाप; ऐसा करके किसी नदी या तालाब के किनारे तर्पण करने से पितर बहुत प्रसन्न होते हैं. पितृदोष से मुक्ति मिल सकती है. घर में सुख-समृद्धि बढ़ सकती है.* 

*क्या है मौनी अमावस्या 2025 मुहूर्त*
*माघ कृष्ण अमावस्या तिथि का प्रारंभ- 28 जनवरी, शाम 7 बजकर 38 मिनट से शुरू होगा.*
*माघ कृष्ण अमावस्या तिथि का समापन 29 जनवरी, शाम 6 बजकर 07 मिनट पर हो जाएगा.*
*ब्रह्म मुहूर्त: 05:25 ए एम से 06:18 ए एम तक*
*सूर्योदय: 07:11 ए एम से सूर्यास्त: 05:58 पी एम पर*
*मौनी अमावस्या पर दीपक जलाने का महत्व*

*धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अमावस्या के दिन हमारे पितर धरती पर आते हैं. इस दिन वे अपने वंश से जल से तर्पण, दान आदि की अपेक्षा करते हैं ताकि वे तृप्त हो सकें. शाम के समय में पितर वापस अपने पितृलोक लौटते हैं. पितरों के वापस जाने के रास्ते में अंधकार न हो, इस वजह से दीपक जलाते हैं. दीपक जलाने से वे सुगमता से अपने लोक जाते हैं और वे खुश होकर अपने वंश को आशीर्वाद देते हैं. इसलिए पितरों के लिए अमावस्या पर दीपक जलाते हैं.*

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-