खेत में लगे करोड़ों के पेड़ से अनजान था किसान, अब हो गया मालामाल, रेलवे ने किया अधिग्रहण तब हुआ खुलासा

खेत में लगे करोड़ों के पेड़ से अनजान था किसान, अब हो गया मालामाल, रेलवे ने किया अधिग्रहण तब हुआ खुलासा

प्रेषित समय :13:38:10 PM / Sun, Apr 13th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

मुंबई. महाराष्ट्र के यवतमाल जिले के एक गांव में एक पेड़ ने एक किसान की जिंदगी बदल दी है. दरअसल खुर्शी गांव में एक किसान की जमीन पर सौ साल पुराना रक्त चंदन का पेड़ है. किसान को इसके बारे में जानकारी भी नहीं थी. रेलवे के अधिकारियों ने जब इस पेड़ की पहचान की तो पता चला इसकी कीमत करोड़ों रुपये हैं. खुर्शी गांव के केशव शिंदे के खेत में यह पेड़ दशकों से खड़ा था. लेकिन परिवार को ना इस पेड़ के बारे में जानकारी थी और ना ही इसकी कीमत की.

खेत में सर्वेक्षण करने आई रेलवे की टीम के अधिकारियों ने परिवार को बताया कि यह रक्त चंदन का पेड़ है, जो बेहद कीमती होता है. रेलवे ने जमीन का तो अधिग्रहण कर लिया लेकिन पेड़ की कीमत देने से इनकार कर दिया. शिंदे परिवार रेलवे के इस रवैये के बाद अदालत पहुंच गया. कानूनी लड़ाई करीब एक दशक तक चली. मामला मुंबई हाई कोर्ट की नागपुर बैंच तक पहुंच गया.

किसान परिवार में खुशी की लहर

अदालत ने अब रेलवे को एक करोड़ रुपये राशि अदालत में जमा कराने का आदेश दिया. इस रकम में से पचास लाख रुपये शिंदे परिवार को दे दिए गए हैं. बाकी रकम पेड़ की कीमत के मूल्यांकन के बाद दी जाएगी. अदालत ने शिंदे परिवार के हक में फैसला दिया है. इसके बाद इस किसान परिवार में खुशी की लहर है. रक्त चंदन के इस पेड़ ने किसान परिवार को रातोंरात करोड़पति बना दिया है.

रक्त चंदन की कीमत पांच हजार से लेकर पच्चीस हजार रुपए

रक्त चंदन का पेड़ बेहद दुर्लभ होता है और इसकी लकड़ी बहुत खास होती है. भारत मेंं इस लकड़ी का धार्मिक महत्व भी है जिसकी वजह से और कीमती हो जाती है. अनुमानों के मुताबिक भारतीय बाजार में एक किलो रक्त चंदन की कीमत 5 हजार से लेकर 25 हजार  तक है, अंतरराष्ट्रीय बाजार में ये कीमत और भी अधिक बढ़ जाती है.

क्यों खास है ये पेड़?

इस पेड़ की लकड़ी गहरे लाल रंग की होती है जो इसे बेहद आकर्षक बताती है. सबसे बड़ी बात ये है कि ये पेड़ बहुत दुर्लभ होता है और कहीं-कहीं ही मिलता है. इसका इस्तेमाल धार्मिक कार्यों के अलावा बेहद उच्च गुणवत्ता का फर्नीचर बनाने के लिए भी किया जाता है. रक्त चंदन के पेड़ की लकड़ी के औषधीय गुण भी होते हैं और इस वजह से भी इसकी मांग रहती है. इसकी लकड़ी के पाउडर का इस्तेमाल कॉस्मेटिक उत्पादों में भी किया जाता है.

आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक में पाए जाते हैं ये पेड़

आमतौर पर यह पेड़ आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक में पाया जाता है. तस्करों ने बड़े पैमाने पर इस पेड़ की कटाई की है जिसकी वजह से ये और भी दुर्लभ हो गया है. जापान और चीन समेत दुनिया के कई देशों में इस पेड़ की लकड़ी की मांग अधिक होने की वजह से इसकी तस्करी भी की जाती है. यदि किसी रक्त चंदन के पेड़ की उम्र पचास साल से अधिक है तो वो बाकी के मुकाबले में अधिक मूल्यवान हो सकता है. यवतमाल के किसान परिवार के इस पेड़ की वास्तविक कीमत क्या है ये मूल्यांकन के बाद ही पता चलेगी.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-