एमपी: अब तो जबलपुर का नाम जाबालिपुरम कर दो महापौर जी..!

एमपी: अब तो जबलपुर का नाम जाबालिपुरम कर दो महापौर जी..!

प्रेषित समय :20:45:19 PM / Sun, Apr 20th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

पलपल संवाददाता, जबलपुर. एमपी के जबलपुर में कांग्रेस के सक्रिय कार्यकर्ता से लेकर पार्षद तक विकास कार्यो में अपनी आवाज बुलंद करने वाले जगत बहादुर सिंह अन्नू ने पार्षद रहते हुए जबलपुर का नाम जाबालिपुर करने का एक प्रस्ताव नगर निगम के सदन में रखा था. सदन में इस प्रस्ताव पर चर्चा हुई और प्रस्ताव भी पास हो गया. लेकिन आज तक जबलपुर का नाम जाबालिपुरम नहीं हो पाया. जबकि आज जगत बहादुरसिंह अन्नू महापौर है. ऐसे में अब जबलपुर की जनता यह कह रही है कि महापौर जी अब तो जबलपुर का जाबालिपुरम कर दो. अब तो आपके पास सत्ता है.

बताया जाता है कि जबलपुर में कांग्रेस के छोटे से कार्यकर्ता से लेकर नेता तक सक्रिय भूमिका निभाई, शहर विकास के हर मुद्दे पर हमेशा अपनी आवाज बुलंद करते रहे. इसके बाद जब वे पार्षद बने तो नगर निगम में हर वक्त अपने वार्ड के विकास के लिए तत्परता से काम जुटे रहे. अपने वार्ड को शहर का सबसे अच्छा वार्ड बनाने में बहुत हद तक सफल रहे. यहां तक कि पार्षद रहते हुए उन्होने 21 अगस्त 2006 में नगर निगत अध्यक्ष को एक पत्र लिखा जिसमें उन्होने जबलपुर का नाम जाबालिपुर करने के लिए सदन में बैठक कर चर्चा की बात कही गई. 23 अगस्त को आहूत बैठक में सदन में अन्य विषयों के साथ साथ जबलपुर का नाम जाबालिपुर कराने पर चर्चा हुई. प्रस्ताव पर सभी पार्षदों ने सहमति जताई और जबलपुर का नाम जाबालिपुर करना तय हो गया. प्रस्ताव पास होने के बाद भी जबलपुर का नाम जाबालिपुरम नहीं हो पाया.

जगत बहादुरसिंह अन्नू द्वारा इसके अलावा भी शहर विकास क ो लेकर और भी कई प्रस्ताव रखे, जिसकी सर्वत्र सराहना की गई, जिसका नतीजा यह हुआ कि उनकी पत्नी यामिनी सिंह भी चुनाव लड़ी तो वार्ड की जनता ने उन्हे भी सहर्ष स्वीकार किया. वे भी विकास के कार्याे में अह्म भूमिका निभाती रही. जगत बहादुर सिंह अन्नू की निष्पक्ष छबि ही है कि उन्हे कांग्रेस पार्टी ने महापौर के चुनाव में टिकट देकर अपना प्रत्याशी घोषित किया. उनकी छबि का ही नतीजा था कि लम्बे समय बाद जबलपुर को अन्नू के रुप में कांग्रेस का महापौर मिला. उन्होने महापौर पद की शपथ ली तो सबसे पहले नर्मदा नदी के सफाई की फाइल साइन की.

इस बात को लेकर भी अन्नू की सर्वत्र सराहना की गई. महापौर बनने के बाद उनके मन में शहर विकास को लेकर  एक ललक थी, चूंकि प्रदेश में भाजपा की सरकार थी, जिसके चलते उन्होने यही सोचा कि पार्टी से ज्यादा शहर विकास जरुरी है, वे भाजपा में रहकर शहर के विकास को और तेजी से कर पाएगे, उन्होने भाजपा का दामन थाम लिया. इसके बाद महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू विकास के कार्यो में जुट गए. अब जब प्रदेश में भाजपा की सरकार की है मोहन यादव मुख्यमंत्री है. महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू भी भाजपा के हो गए है तो ऐसे में शहर की जनता को एक उम्मीद जाग गई है कि उन्होने कांग्रेस पार्षद रहते जबलपुर का नाम जाबालिपुरम करने का प्रस्ताव दिया था.

अब तो वे महापौर बन गए है तो कांग्रेस पार्षद रहते हुए जो प्रस्ताव नगर निगम के सदन में पास कराया था, उसे महापौर रहते हुए जगतबहादुरसिंह अन्नू पूरा भी कर सकते है. जबलपुर का जन मानस भी उन्हे याद दिला रहा है कि महापौर जी अब तो जबलपुर का नाम जाबालिपुर कर दो, अब तो नगर निगम की सत्ता आपके हाथ में है, प्रदेश में भी सरकार आपकी पार्टी की है. फिर इस नेक कार्य को करके एक बाद फिर जबलपुर के विकास पुरुषों में अपना नाम जुड़वा लें. उन्हे भी लोग याद रखेगें कि उन्होने एक और ऐतिहासिक कार्य किया है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-