एमपी हाईकोर्ट ने अनाथ बच्चों की शिक्षा-रोजगार पर सरकार से पूछे सवाल, दिया नोटिस, 5 मई को अगली सुनवाई में जबाव मांगा

एमपी हाईकोर्ट ने अनाथ बच्चों की शिक्षा-रोजगार पर सरकार से पूछे सवाल, दिया नोटिस, 5 मई को अगली सुनवाई में जबाव मांगा

प्रेषित समय :15:35:35 PM / Tue, Apr 29th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर


पलपल संवाददाता, जबलपुर। एमपी हाईकोर्ट में दायर याचिका में अनाथ बच्चों को शिक्षा व रोजगार में आरक्षण देने की मांग की गई है। जिस पर चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैथ व जस्टिस विवेक जैन की डिवीजन बेंच के समक्ष सुनवाई हुई। 
                               जिसपर सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया  है कि याचिका में उठाए गए मुद्दों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लंबित है। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई तक सुप्रीम कोर्ट में लंबित प्रकरण का स्टेटस पेश करने के निर्देश दिए। कोर्ट ने यह भी बताने को कहा है कि क्या इस याचिका में उठाए गए मुद्दे सुप्रीम कोर्ट की याचिका के समान हैं। मामले पर अगली सुनवाई 5 मई को होगी। जबलपुर में दिशा एजुकेशन एंड फाउंडेशन नामक संस्था के अध्यक्ष कैलाश कुमार वासनिक की ओर से वरिष्ठ एडवोकेट रामेश्वर सिंह ठाकुर, विनायक प्रसाद शाह, अखिलेश प्रजापति व जीएस उद्दे ने पक्ष रखा। कोर्ट को उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश राज्य में अनाथ बच्चों,छात्रों को पृथक वर्ग मे रखते हुए उन्हें शिक्षा एवं रोजगार में कम से कम 5 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना चाहिए। दलील दी गई कि अनाथ छात्रों को दिल्ली यूनिवर्सिटी द्वारा प्रत्येक संकाय में एडमिशन हेतु आरक्षण की व्यवस्था की गई है। महाराष्ट्र व उत्तराखंड राज्य में ऐसे बच्चों को शिक्षा तथा रोजगार में 5 फीसदी आरक्षण का कानून है। पिछले साल संसद में अनाथों को पृथक वर्ग घोषित कर आरक्षण देने का बिल प्रस्तुत किया गया है। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 10 अगस्त 2022 को मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना बनाई गई है। जिसमें प्रतिमाह 4 हजार रुपए दिए जाने की व्यवस्था की गई है। मध्य प्रदेश सरकार से सूचना के अधिकार के तहत अनाथ बच्चो की संख्या तथा उनको शासन स्तर पर मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी चाही गई थी। सरकार की ओर से बताया गया कि उनके पास अनाथ बच्चों का कोई अधिकृत डेटा उपलब्ध नहीं है। सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की संवैधानिक पीठ ने एक अगस्त 2024 को पंजाब राज्य के मामले में दिए फैसले के तहत मप्र में भी अनाथ बच्चों को शिक्षा तथा रोजगार में कम से कम 5 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था करने की मांग की गई। मध्य प्रदेश सरकार की ओर से एडिशनल एडवोकेट जनरल ने कोर्ट को बताया की प्रस्तुत याचिका मे उठाए गए मुद्दों के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका लंबित है। हाईकोर्ट ने शासन को नोटिस जारी कर सुप्रीम कोर्ट की उक्त याचिका का परीक्षण कर 5 मई को होने वाली अगली सुनवाई पर स्टेटस से अवगत कराने के निर्देश दिए हैं। 
 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-