रेलवे के एसबीएफ के बाल शिविर आयोजन में जमकर खेल, ·कोटा मजदूर संघ नेता व अधिकारियों के 2-2 बच्चे घूमेंगे मसूरी-देहरादून

रेलवे के एसबीएफ के बाल शिविर आयोजन में जमकर खेल, ·कोटा मजदूर संघ नेता व अधिकारियों के 2-2 बच्चे घूमेंगे मसूरी-देहरादून

प्रेषित समय :14:50:26 PM / Mon, May 19th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

कोटा. पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा मंडल ने कर्मचारी कल्याण हित निधि समिति (एसबीएफ) द्वारा देहरादून-मंसूरी घूमने जाने वाले बच्चों के आयोजित बाल शिविर की लिस्ट जारी की है। इस लिस्ट में रेल कर्मचारियों के करीब 33 बच्चे शामिल हैं। लिस्ट जारी होते ही कर्मचारियों में आक्रोश फैल गया है। इस लिस्ट में मजदूर संघ के नेता व जिन लोगों के जिम्मे आयोजन की जिम्मेदारी हैं, उनमें शामिल कल्याण निरीक्षक ने अपने-अपने दो-दो बच्चों को शामिल कर लिया है, जबकि अन्य कर्मचारियों के बच्चे मसूरी-देहरादून ट्रिप से वंचित कर दिये गये हैं.
रेलवे पूरे भारतीय रेलवे के सभी जोनल व मंडलों में स्टाफ बेनीफिट फंड (एसबीएफ) आवंटित करता है. इस राशि को कर्मचारियों व उनके बच्चों के कल्याणकारी व मनोरंजन कार्य में खर्च किया जाता है. इसी क्रम में एसबीएफ से कोटा मंडल ने इस साल जून माह में मसूरी व देहरादून जैसे हिल स्टेशन पर रेल कर्मचारियों के बच्चों का ट्रिप कराने का कार्यक्रम तय किया.

नेतागिरी व अफसरशाही में नियमों का खुला उल्लंघन

बताया जाता है कि जारी की गई लिस्ट में ऐसे कर्मचारी के नाम शामिल हैं, जिनके दो-दो बच्चे इस ट्रिप में जायेंगे, जबकि नियमानुसार एक रेल कर्मचारी का एक ही बच्चा इस समर कैंप में शामिल हो सकता है. लेकिन मजदूर संघ की नेतागिरी व अफसरशाही के चलते इन नियमों का घनघोर उल्लंघन किया गया है. मजदूर संघ के नेता मट्टूलाल मीणा के दो-दो बच्चों को शामिल करने से मजदूर संघ के खिलाफ कर्मचारी आक्रोशित हो गये हैं और इसकी शिकायत पमरे मुख्यालय तक कर रहे हैं.

कल्याण निरीक्षक ने अपने बच्चों को भी शामिल कराया

इसके अलावा इस लिस्ट में ऐसे बच्चों के नाम भी शामिल है जिनके कल्याण निरीक्षक पिता आयोजनकर्ता के रूप में इस समर कैंप में भी जा रहे हैं। इसके लिए भी कई कर्मचारी आपत्ति जता रहे हैं। इन कर्मचारियों का कहना है कि ऐसे में इन कल्याण निरीक्षकों का सारा ध्यान अपने बच्चों पर लगा रहेगा। जबकि आयोजन के रूप में इन कल्याण निरीक्षकों पर सभी बच्चों की जिम्मेदारी होती है। ऐसे में अपने बच्चों के साथ कल्याण निरीक्षकों को कैंप में नहीं भेजा जाना चाहिए.

ऐसे हुई नियमों की अवहेलना

नियम कायदे कानून को ताक पर रखकर कोटा मंडल रेल प्रशासन आखिरकार मजदूर  संघ के नेताजी के आगे नतमस्तक हो ही गया। अपनी और रेलवे की साख और छवि की भी परवाह नहीं करते हुए प्रशासन ने नेताजी के दोनों बच्चों को बाल शिविर में जाने की इजाजत दे दी। इन बच्चों को भेजने के लिए प्रशासन इतना उतावला नजर आया कि उसने खुद के बनाए नियमों की पालना करना भी जरूरी नहीं समझा। अधिकारियों ने ही अपने नोटिफिकेशन में नियम जारी किया था कि एक कर्मचारी का एक ही बच्चा जा सकता है। इस नोटिफिकेशन में कम संख्या रहने की स्थिति में एक कर्मचारी के दो बच्चों को ले जाने का कहीं जिक्र नहीं है। अगर ऐसा नियम होता तो कई कर्मचारी अपने दो-दो बच्चों के फॉर्म भर सकते थे।

कल्याण निरीक्षक पर भी मेहरबान

अधिकारी केवल नेताजी का भला करने तक ही नहीं रुके, बल्कि कल्याण निरीक्षक पर भी पूरी तरह मेहरबान नजर आए। ऑन ड्यूटी जाने वाले कल्याण निरीक्षकों के बच्चों को भी इस लिस्ट में शामिल कर लिया। अब यह अधिकारी ही बता सकते हैं कि ऐसी स्थिति में यह कल्याण निरीक्षक अन्य बच्चों के साथ कितनी संजीदगी से अपनी जिम्मेदारी को निभा पाएंगे।

पहले नहीं होती थी ये मनमानी

कर्मचारियों ने बताया कि पहले इस तरह की मनमानियां नहीं होती थी क्योंकि पहले दोनों यूनियनों के प्रतिनिधि कमेटी में शामिल होते थे और पारदर्शिता से कार्य होता था । लेकिन एकल मान्यता में होने से संघ से जुड़े प्रतिनिधियों की तानाशाही और व्यंग लाभ लेने की नीति के कारण इस बार ये वाकया हुआ है और इनकी दादागिरी के सामने अधिकारी भी नतमस्तक होकर इनका साथ दे रहे है, जबकि पूर्व मे जब दोनों यूनियन मान्यता में थी तो कम आवेदन आने पर आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि को बढ़ाया जाता था या रिवाइज नोटिफिकेशन जारी किया जाता था । कोटा मंडल का परिक्षेत्र बड़ा होने से सूचना कर्मचारियों तक नहीं पहुंच पाती थी लेकिन तारीख बढ़ाने से कई अन्य कर्मचारी इसका लाभ ले पाते थे। पूर्व में इस प्रकिया के कारण काफी संख्या में पात्र आवेदन आते थे जिनकी छटनी करके शिविर की सूची जारी करनी पड़ती थी। लेकिन इस वार एकमात्र मान्यता प्राप्त यूनियन की दादागिरी के कारण उनके चहेतो को लाभ पहुंचाने की नीति बनाई गई और एक बार आवेदन मांग कर इति श्री कार ली गई और सूची जारी कर दी गई। उल्लेखनीय है कि कर्मचारी हित निधि समिति की ओर से आयोजित यह कैंप जून में जाएगा

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-