नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने नए लॉ ग्रेजुएट्स के लिए 3 साल के कानूनी अनुभव को अनिवार्य कर दिया है. नए लॉ ग्रेजुएट्स को अब न्यायिक सेवा परीक्षा में शामिल होने के लिए यह अनुभव हासिल करना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने इस पर फैसला सुनाया है कि सिविल जज कैडर में प्रवेश के लिए 3 साल की कानूनी प्रैक्टिस अनिवार्य है या नहीं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि नई डिग्री लेने वाले छात्र न्यायिक सेवा परीक्षा में शामिल नहीं हो सकते. उनके लिए कम से कम 3 साल का कानूनी अभ्यास जरूरी है. इस फैसले ने न्यायिक भर्ती को नया रूप दिया है और देशभर में हजारों लॉ ग्रेजुएट्स को प्रभावित किया है.
इससे पहले सुनवाई करते हुए सीजेआई बीआर गवई ने कहा था कि हमने विचार के लिए 8 मुद्दे तय किए हैं. पहला, आरक्षण के लिए 10 फीसदी कोटा को 2022 के फैसले में मूल रूप से अनुशंसित 25 फीसदी पर बहाल किया जाना चाहिए. दूसरी, परीक्षा के लिए न्यूनतम योग्यता 3 साल की सेवा है. तीसरी और 4 मुद्दा, सिविल जज के लिए मेधावी उम्मीदवार के लिए कोटा- सिविल जज (जूनियर डिवीजन) के लिए पदोन्नति के लिए 10 प्रतिशत हो.
नए लॉ स्टूडेंट्स की नियुक्ति से हुई हैं समस्याएं
इसके इलावा उन्होंने 5 मुद्दा बताया था कि उपयुक्तता परीक्षण- कोई सीधा-सादा फार्मूला नहीं बनाया जा सकता. विभिन्न कारकों पर विचार करना प्रासंगिक है. छठवां, परीक्षा में शामिल होने के लिए न्यूनतम-प्रैक्टिस- सिविल जज के लिए न्यूनतम वर्षों की आवश्यकता को बहाल किया जाता है और नामांकन तिथि से इसकी गणना की जाएगी. सीजेआई ने कहा था कि नए विधि स्नातकों की नियुक्ति से कई समस्याएं पैदा हुई हैं, जैसा कि हाईकोर्ट के हलफनामों से पता चलता है, यह जानना तभी संभव है जब उम्मीदवार को न्यायालय के साथ काम करने का अनुभव हो. हम सभी हाईकोर्ट के साथ इस बात पर सहमत हैं कि न्यूनतम प्रैक्टिस की आवश्यकता है.
केवल किताबों के ज्ञान नहीं होना चाहिए
जजों को नौकरी मिलने के दिन से ही जीवन, स्वतंत्रता, संपत्ति आदि से संबंधित मामलों का सामना करना पड़ता है और इसका जवाब केवल किताबों के ज्ञान से नहीं बल्कि वरिष्ठों का सहयोग करके, न्यायालय को समझकर दिया जा सकता है. इस प्रकार हम इस बात से सहमत हैं कि परीक्षा से पहले कुछ सेवाओं को फिर से शुरू करना आवश्यक है इसलिए हम मानते हैं कि अंतिम पंजीकरण होने के समय से ही अनुभव की गणना की जाएगी. ऐसा इसलिए है क्योंकि एआईबीई अलग-अलग समय पर आयोजित किया जाता है. 10 साल का स्टैंड रखने वाले वकील को यह प्रमाणित करना होगा कि उम्मीदवार ने न्यूनतम आवश्यक अवधि की प्रैक्टिस की है.
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