नई दिल्ली. पश्चिम एशिया में तनाव एक बार फिर चरम पर है. अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि इजरायल, ईरान के खिलाफ बड़ा सैन्य कदम उठा सकता है. खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, इजरायल ईरान के परमाणु ठिकानों पर संभावित हमला करने की योजना बना रहा है. हालांकि अभी तक अंतिम निर्णय नहीं हुआ है, लेकिन बीते कुछ महीनों में इस आशंका में काफी इजाफा हुआ है.
अमेरिकी न्यूज नेटवर्क ने खुफिया सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि इजरायल की यह कार्रवाई अमेरिका और ईरान के बीच चल रही परमाणु वार्ता की प्रगति पर निर्भर करेगी. यदि ईरान, यूरेनियम संवर्धन पर रोक लगाने को लेकर कोई ठोस समझौता नहीं करता, तो इजरायल द्वारा हमला किए जाने की संभावना और बढ़ जाएगी.
अमेरिकी इंटेलिजेंस एजेंसियों ने इजरायल की सैन्य गतिविधियों और कम्युनिकेशन को इंटरसेप्ट किया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इजरायल ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण हवाई अभ्यास पूरा किया है और कई हवाई हथियारों को फिर से तैनात किया है. इससे इस बात की अटकलें तेज हो गई हैं कि इजरायल सैन्य कार्रवाई के लिए खुद को तैयार कर रहा है.
हालांकि, अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया है कि ये गतिविधियां जरूरी नहीं कि हमले की तैयारी हों, बल्कि ईरान पर कूटनीतिक दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा भी हो सकती हैं.
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका भी इस घटनाक्रम में अहम मानी जा रही है. जानकारी के मुताबिक, ट्रंप ने मार्च में ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई को एक पत्र भेजकर 60 दिनों में परमाणु समझौते पर सहमति जताने का अल्टीमेटम दिया था.
वार्ता को शुरू हुए पांच सप्ताह से अधिक बीत चुके हैं और ट्रंप ने हाल में कहा है कि वह केवल कुछ हफ्ते और इंतजार करेंगे. इसके बाद सैन्य विकल्प को पूरी तरह से टाला नहीं जा सकता.
अब सबकी निगाहें अमेरिका और ईरान के बीच हो रही वार्ता पर टिकी हैं. अगर वार्ता विफल होती है, तो इजरायल द्वारा सैन्य कार्रवाई के संकेत और भी स्पष्ट हो सकते हैं. इस बीच, अंतरराष्ट्रीय समुदाय को उम्मीद है कि कूटनीतिक माध्यमों से इस संकट का समाधान निकले और क्षेत्र को एक और बड़े संघर्ष से बचाया जा सके.
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