पीथमपुर में अब तक 337 मीट्रिक टन जहरीला कचरा जलाया, 55 दिन में पूरा हुआ विनष्टीकरण, हाईकोर्ट में सरकार ने सौंपी रिपोर्ट

पीथमपुर में अब तक 337 मीट्रिक टन जहरीला कचरा जलाया, 55 दिन में पूरा हुआ विनष्टीकरण, हाईकोर्ट में सरकार ने सौंपी रिपोर्ट

प्रेषित समय :17:49:10 PM / Tue, Jul 1st, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर
पलपल संवाददाता, जबलपुर। भोपाल गैस त्रासदी से जुड़ी यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड (UCIL) की फैक्ट्री में वर्षों से जमा 337 मीट्रिक टन जहरीले कचरे का सफलतापूर्वक विनष्टीकरण कर दिया गया है। उक्त जानकारी मध्यप्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट में पेश रिपोर्ट में दी है। रिपोर्ट के मुताबिक यह प्रक्रिया केंद्रीय और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB-MPPCB) के विशेषज्ञों की निगरानी में की गई। इसके अलावा यूसीआईएल से 19.157 मीट्रिक टन अतिरिक्त अपशिष्ट और एकत्र हुआ हैए जिसे आगामी 3 जुलाई 2025 को नष्ट किया जाएगा। अब इस मामले में 31 जुलाई को अगली सुनवाई हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच जस्टिस अतुल श्रीधरन व जस्टिस दिनेश कुमार पालीवाल के समक्ष होगी। रिपोर्ट में बताया गया कि 27 फरवरी से 12 मार्च 2025 तक पीथमपुर संयंत्र में 30 मीट्रिक टन कचरे के ट्रायल विनष्टीकरण की प्रक्रिया की गई थी। फाइनल विनष्टीकरण प्रक्रिया 30 जून की रात 1.02 बजे पूरी हुई। जिसमें 337 मीट्रिक टन जहरीले कचरे को वैज्ञानिक विधि से नष्ट किया गया। इस दौरान संयंत्र में तकनीकी व्यवस्थाएं भी स्थापित की गई थीं। जिनमें मर्करी एनालाइजर की ऑनलाइन कनेक्टिविटीए सीईएमएस डिस्प्ले, वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन, चूना मिश्रण की ब्लेंडिंग सुविधाएं व प्रवाह मीटर से डीजल.पानी की निगरानी शामिल है। विनष्टीकरण के बाद संयंत्र में 850 मीट्रिक टन राख व अवशेष जमा हुए हैं। जिन्हें एमपीपीसीबी से सीटीओ मिलने के बाद विशेष रूप से तैयार लैंडफिल सेल में नष्ट किया जाएगा। कोर्ट ने लैंडफिल से जुड़े विशेषज्ञों की रिपोर्ट भी तलब की है। इस केस की शुरुआत वर्ष 2004 में भोपाल निवासी आलोक सिंह की याचिका से हुई थी। याचिका में मांग की गई थी कि भोपाल गैस त्रासदी के बाद यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में जो 350 मीट्रिक टन जहरीला कचरा बचा है उसका वैज्ञानिक तरीके से निपटारा किया जाए। आलोक सिंह की मृत्यु के बाद भी हाईकोर्ट ने मामले का स्वत: संज्ञान लेकर सुनवाई जारी रखी। सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि संयंत्र से 19.157 टन अतिरिक्त कचरा भी मिला है। जिसे 3 जुलाई तक नष्ट कर दिया जाएगा। यह कार्य 270 किलोग्राम प्रति घंटे की दर से चल रहा है। हाईकोर्ट के निर्देश पर राज्य सरकार की उच्चस्तरीय टीम ने पूरी पारदर्शिता और जिम्मेदारी से काम किया है। याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर एडवोकेट नमन नागरथ व खालिद फखरुद्दीन ने कोर्ट में पक्ष रखा। केंद्रीय एवं राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के तकनीकी विशेषज्ञों ने विनष्टीकरण प्रक्रिया की निगरानी की। Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-