हिमाचल में 22 जगहों पर फटा बादल, अब तक 91 लोगों की मौत, मानसून ने बरपाया है कहर

हिमाचल में 22 जगहों पर फटा बादल, अब तक 91 लोगों की मौत, मानसून ने बरपाया है कहर

प्रेषित समय :13:02:54 PM / Sat, Jul 12th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

शिमला. भारी मॉनसून वर्षा के कारण हिमाचल प्रदेश में 91 लोगों की मौत हो गई है जबकि 34 लोग अभी भी गायब हैं और 131 लोग घायल हैं. राज्य आपात क्रिया केंद्र (एसइओसी) ने पुष्टि की है कि मंडी सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. यहाँ 15 लोगों की मृत्यु हुई है और 290 से अधिक लोगों को वर्षा प्रभावित क्षेत्र से बचाया गया है.

राज्य में अकस्मात बाढ़ की 31 घटनाएँ, बादल फटने की 22 घटनाएँ और भूस्खलन की 17 घटनाएँ दर्ज की गई हैं. इन घटनाओं के कारण राज्य में भारी विनाश हुआ है. घरों, सड़कों और सार्वजनिक आधारभूत संरचना को क्षति पहुँचा है. कई जिलों में स्थापित 16 राहत शिविरों में 534 से अधिक लोगों को स्थनांतरित किया गया है. अभी तक 824 घर पुरी तरह से नष्ट हो गए हैं और 14 पुल गंभीर रुप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं. एक बड़ी जलविधुत परियोजना भी प्रभावित हुई है. राज्य को पशुधन की बड़ी मात्रा में हानि हुई है. वर्षा से संबंधित 849 मवेशियों की मौत हो गई है और 622 गौशाला क्षतिग्रस्त हो गए हैं. सड़क संपर्क अभी भी बाधित है. 223 सड़कों को बंद कर दिया गया है. केवल मंडी जिले में 166 सड़कों को बंद किया गया है. इसमें महत्वपुर्ण मंडी-घर्मपुर राजमार्ग(एनएच-003) भी शामिल है.

जल और विधुत सेवाएं भी प्रभावित हुई है. 151 ट्रांसफॉर्मर बंद हो गए हैं. लगभग 812 जल आपूर्ति सेवाएं प्रभावित हुई हैं. इनमें से 603 कांगड़ा जिले में और 204 मंडी जिले में हैं. पिछले 24 घंटों में मुरारी देवी में सबसे अधिक वर्षा हुई है, 68.2 मिली मिटर. इसके बाद पंडोह में 45 मिली मिटर और मंडी में 35.8 मिली मिटर वर्षा हुई है. हमिरपुर में सबसे अधिक तापमान दर्ज किया गया है, जबकि कुकुमसेरी 9.4 डिग्री के साथ सबसे ठंडा स्थान रहा. 
मौसम विभाग ने अगले एक सप्ताह में राज्य के विभिन्न भागों में गंभीर से लेकर अति गंभीर वर्षा की चेतावनी दी है. सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में मंडी के थुनाग में 397 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, 789 मवेशियों की मौत हुई है और छह पुल गिर गए हैं. करसोग में 60 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, एक व्यक्ति की मृत्यु हुई है और पाँच पुल बह गए हैं. गोहर में आकस्मिक बाढ़ में नौ लोग बह गए. इनमें से केवल चार लाशों को ही प्राप्त किया जा सका. राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल(एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल और आईटिबिपी राहत और बचाव कार्य में लगे हुए हैं. लगातार हो रहे भूस्खलन और बाधित सड़कों के कारण राहत कार्य चलाना मुश्किल हो रहा है. प्राधिकारियों ने लोगों से सतर्क रहने की सलाह दी है, क्योंकि आने वाले दिनों में और भी भारी वर्षा की संभावना है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-