कोटा मंडल में नियमों की उड़ रही धज्जियां : सिक लीव पर रहकर भी WCRMS पदाधिकारी ने ली मीटिंग

कोटा मंडल में नियमों की उड़ रही धज्जियां : सिक लीव पर रहकर भी WCRMS पदाधिकारी ने ली मीटिंग

प्रेषित समय :19:00:25 PM / Mon, Jul 28th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

कोटा. पश्चिम मध्य रेलवे का कोटा मंडल पिछले कुछ  समय से अनियमितताओं व नियम विरुद्ध कार्यों के लिए लगातार चर्चा में बना हुआ है. इस बार रेलवे में नियमों को ताक पर रखकर काम करने का एक चौंकाने वाला नया मामला सामने आया है, जिसमेें पमरेे मजदूर संघ के पदाधिकारी और मेल लोको पायलट चेतन शर्मा, जो 13 जुलाई से आईओडी सिक (ड्यूटी पर चोट लगने के कारण बीमारी की छुट्टी) पर हैं, इसके बावजूद एक महत्वपूर्ण बैठक में शामिल होते देखे गए. हैरानी की बात यह है कि जिस बैठक में वह शामिल हुए, उसमें उन्हें सिक लीव देने वाले डॉक्टर और रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे.

नियमों की अनदेखी का खेल, अफसरों के साथ मीटिंग

नियमानुसार, आईओडी सिक पर रहने वाले कर्मचारियों को अस्पताल में भर्ती रहना होता है. प्रशासन ने विशेष रूप से रनिंग स्टाफ के लिए ऐसे आदेश जारी कर रखे हैं, जिनमें आईओडी वाले रनिंग कर्मचारियों को आउटडोर सिक रहने से सख्ती से मना किया गया है. हालांकि, इन सभी नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए चेतन शर्मा शुक्रवार को हुई हॉस्पिटल विजिटिंग कमेटी की बैठक में शामिल हुए. इस बैठक में अपर मंडल रेल प्रबंधक ललित कुमार धुरंधर और मुख्य चिकित्सा अधिकारी सुपर्णा सेन राय सहित अन्य डॉक्टर और वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे. यानी, जिन डॉक्टरों ने चेतन को सिक पर रखा और जिन्होंने सिक पर रहते हुए रनिंग स्टाफ के आउटडोर नहीं रहने के आदेश जारी कर रखे हैं, उन्हीं के साथ चेतन बैठक में संवाद करते नजर आए. इससे भी चौंकाने वाली बात यह है कि रेलवे मजदूर संघ ने बाकायदा एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बीमार चेतन शर्मा के बैठक में शामिल होने को एक उपलब्धि के रूप में पेश किया. यह सब अपनी आंखों के सामने होता देखकर भी अस्पताल प्रशासन ने इस मामले की अनदेखी की.

तस्वीरों में कैद हुआ नियमों का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन

बैठक के बाद सभी ने बाकायदा फोटोशूट भी कराया. इन तस्वीरों में, लाल घेरे में खड़े चेतन शर्मा साफ नजर आ रहे हैं, जिनके साथ एडीआरएम, उन्हें सिक देने वाले डॉक्टर, और सिक के दौरान आउटडोर न रहने के आदेश देने वाली मुख्य चिकित्सा अधिकारी भी दिख रही हैं. यह घटना रेलवे प्रशासन की कार्यप्रणाली और नियमों के पालन पर गंभीर सवाल खड़े करती है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-