महाकौशल के द्वार खजुराहो में देश का सबसे बड़ा एयरबेस विकास और पर्यटन की नई उड़ान

महाकौशल के द्वार खजुराहो में देश का सबसे बड़ा एयरबेस विकास और पर्यटन की नई उड़ान

प्रेषित समय :05:30:59 AM / Thu, Oct 23rd, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर


जबलपुर। नर्मदा किनारे बसे संस्कारधानी जबलपुर से लेकर बुंदेलखंड के ऐतिहासिक शिल्प केंद्र खजुराहो तक मध्य प्रदेश ने रक्षा और पर्यटन के क्षेत्र में दो बड़ी खबरें सुनीं। जिसने पूरे महाकौशल और बुंदेलखंड क्षेत्र के भविष्य की तस्वीर बदल कर रख दी है। इन दोनों घोषणाओं का सीधा या परोक्ष संबंध जबलपुर क्षेत्र के विकास, रोजगार और कनेक्टिविटी से है। जिसने स्थानीय निवासियों और व्यापारियों में उत्साह का संचार किया है।
                                   सबसे बड़ी खबर रक्षा क्षेत्र से आई जहां केंद्र सरकार ने खजुराहो में देश का सबसे बड़ा एयरबेस बनाने की योजना को हरी झंडी दे दी है। इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए खजुराहो के पास लगभग 1000 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जा रहा है। यह घोषणा न केवल मध्य प्रदेश को रक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक केंद्र के रूप में स्थापित करती है, बल्कि जबलपुर के लिए भी दूरगामी परिणाम लेकर आएगी। जबलपुर पहले से ही देश की प्रमुख ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीज, व्हीकल फैक्ट्री और ग्रे आयरन फाउंड्री जैसी रक्षा उत्पादन इकाइयों का गढ़ रहा है। खजुराहो में नया और विशाल एयरबेस स्थापित होने से जबलपुर की मौजूदा रक्षा उत्पादन क्षमता को एक नया आयाम मिलेगा। दोनों केंद्रों के बीच की दूरी को देखते हुए लॉजिस्टिक्स और सप्लाई चेन को मजबूत करने के लिए जबलपुर-खजुराहो कॉरिडोर पर विशेष ध्यान दिया जा सकता है। जिससे क्षेत्र में औद्योगिक व आधारभूत संरचना का विकास तेज़ी से होगा। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस एयरबेस के निर्माण से स्थानीय स्तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा होंगे। निर्माण कार्य से लेकर एयरबेस के संचालन तक हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से काम मिलेगा। जबलपुर के युवा जो इंजीनियरिंग, तकनीकी शिक्षा व प्रबंधन के क्षेत्र से जुड़े हैं, उनके लिए यह एक बड़ी सौगात है। एयरबेस के कारण होने वाले भारी सैन्य आवागमन के चलते खजुराहो और उसके आसपास के क्षेत्रों में हवाई कनेक्टिविटी, सड़क संपर्क और नागरिक सुविधाओं में भी गुणात्मक सुधार आएगा। जिसका सीधा फायदा महाकौशल क्षेत्र के पर्यटन और व्यापार को मिलेगा। इस विकास की आहट ने जबलपुर के व्यापारी वर्ग में नई उम्मीद जगाई है जो खजुराहो को एक नई आर्थिक धुरी के रूप में उभरता देख रहे हैं।
स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि यह केवल ढांचागत विकास नहीं है बल्कि संस्कारधानी की सामाजिक संवेदनशीलता को भी दर्शाता है। उनका कहना है कि जबलपुर को एक आदर्श स्टेशन बनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका लाभ न केवल स्थानीय निवासियों को मिलेगाए बल्कि पूरे राज्य के पर्यटन क्षेत्र को एक सकारात्मक संदेश जाएगा। महाकौशल और बुंदेलखंड का यह गलियारा देश के लिए रक्षा, व्यापार और पर्यटन तीनों ही मोर्चों पर एक महत्वपूर्ण शक्ति केंद्र बनकर उभरेगा। इन घोषणाओं ने जबलपुर के निवासियों को विकास और समृद्धि के एक नए युग की ओर देखने का मौका दिया हैए जहां कनेक्टिविटी, सुरक्षा व सुगमता तीनों ही तत्व उनके जीवन स्तर को ऊपर उठाने में सहायक होंगे। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि इन महत्वाकांक्षी योजनाओं को ज़मीन पर उतारने का काम कितनी तेजी और कुशलता से पूरा किया जाता है।

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-