जबलपुर। भारतीय महिला क्रिकेट टीम की ऐतिहासिक और शानदार जीत ने देश भर में एक बार फिर नारी शक्ति का परचम लहरा दिया है। इस विजय का उत्साह मध्य प्रदेश की संस्कारधानी जबलपुर में भी चरम पर है। जैसे ही जीत की खबर आईए शहर भर में सड़कों से लेकर घरों और सोशल मीडिया तक पर जबरदस्त जश्न शुरू हो गया। शहर के चौक-चौराहों पर लोग ढोल-नगाड़ों के साथ नाचते और आतिशबाजी करते नजर आए। हर कोई इस विजय को सिर्फ एक खेल की जीत नहींए बल्कि हर भारतीय बेटी के सपनों की जीत बता रहा है। इस जश्न के बीच महिला क्रिकेट को और मजबूत करने और युवा प्रतिभाओं को मंच देने के लिए वुमेन्स प्रीमियर लीग के विस्तार और इसे और अधिक व्यापक बनाने की मांग भी जोर पकडऩे लगी है।
जबलपुर के प्रमुख बाजार क्षेत्रों खासकर गोलबाजार, सदर और सिविल लाइंस में युवाओं और खेल प्रेमियों की भीड़ जमा हो गई। लोगों ने तिरंगा लहराया और चक दे इंडिया के नारे लगाए। इस जीत का जश्न इसलिए भी खास रहा क्योंकि यह महिला क्रिकेट में भारतीय टीम की अभूतपूर्व सफलता का प्रतीक है। जिसने देश की लड़कियों को खेल में करियर बनाने के लिए एक नई प्रेरणा दी है। जश्न मना रहे कॉलेज छात्रों के एक समूह ने कहा इस जीत ने साबित कर दिया कि हमारी महिलाएं किसी से कम नहीं हैं। ये सिर्फ जीत नहीं है यह रुढि़वादी सोच पर लगा चौका है। अब माता-पिता को अपनी बेटियों को खेलने से नहीं रोकना चाहिए। वहीं शहर के गुप्तेश्वर और रद्दी चौकी क्षेत्र में स्थानीय खेल अकादमियों के कोचों ने अपनी महिला खिलाडिय़ों को मिठाई खिलाकर उनका हौसला बढ़ाया और उन्हें राष्ट्रीय नायिकाओं से प्रेरणा लेने के लिए प्रोत्साहित किया।
हर बेटी के सपनों की जीत-
इस जीत को लेकर जबलपुर के सामाजिक और शैक्षिक हलकों में भी व्यापक चर्चा रही। कई महिला शिक्षाविदों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसे लैंगिक समानता की दिशा में एक बड़ा कदम बताया। शहर की जानी-मानी शिक्षाविद प्रोफेसर डॉ आरती भार्गव ने कहा यह जीत दर्शाती है कि जब महिलाओं को समान अवसर और मंच मिलते हैं तो वे किसी भी क्षेत्र में चमत्कार कर सकती हैं। यह जीत उन सभी बच्चियों को समर्पित है जो अपने घर की चारदीवारी से बाहर निकलकर आसमान छूना चाहती हैं। भारतीय महिला टीम की खिलाडिय़ों ने आज लाखों बेटियों के लिए रोल मॉडल का काम किया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस जीत का संदेश हर घर तक पहुंचना चाहिए कि बेटियों को प्रोत्साहित करना समाज की जिम्मेदारी है। जबलपुर के खेल प्रेमी और विशेषज्ञ मानते हैं कि इस ऐतिहासिक जीत को एक मजबूत नींव देने की जरूरत हैए और इसके लिए घरेलू क्रिकेट ढांचे को मजबूत करना आवश्यक है। इसी कारण वुमेन्स प्रीमियर लीग को और अधिक शहरों तक ले जाने और उसमें टीमों की संख्या बढ़ाने की मांग तेज हो गई है। स्थानीय क्रिकेट क्लब के कोच रविंद्र राजपूत ने इस संबंध में अपनी राय रखते हुए कहा वीपीएल ने महिला क्रिकेट की तस्वीर बदल दी है। लेकिन अभी भी यह केवल कुछ बड़े शहरों तक ही सीमित है। जबलपुर, इंदौर और भोपाल जैसे शहरों में बेहतरीन महिला प्रतिभा मौजूद है। लेकिन उन्हें राष्ट्रीय स्तर का मंच नहीं मिल पा रहा है। उन्होंने सुझाव दिया कि वीपीएल में कम से कम दो और टीमें जोड़ी जानी चाहिए और क्षेत्रीय स्तर पर भी महिला अंडर-19 लीग शुरू की जानी चाहिए ताकि प्रतिभाओं को निखारा जा सके। यह जीत सिर्फ एक टूर्नामेंट जीतने तक सीमित नहीं है बल्कि यह देश की युवा शक्तिए महिला सशक्तिकरण और खेल भावना का प्रतीक है। जबलपुर के नागरिकों ने इस बात पर जोर दिया है कि सरकार और बीसीसीआई को इस उत्साह का उपयोग महिला क्रिकेट के लिए दीर्घकालिक योजनाएं बनाने में करना चाहिएए ताकि यह ऐतिहासिक जीत एक स्थायी विरासत बन सके।
महिला टीम की ऐतिहासिक विजय पर जबलपुर में जश्न का माहौल, हर बेटी के सपने को उड़ान मिली
प्रेषित समय :18:46:20 PM / Mon, Nov 3rd, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर




