रजनी खेतान, इंदौर. देश के लोकप्रिय और बहुचर्चित प्लेबैक सिंगर जुबिन नौटियाल गुरुवार को इंदौर पहुंचे, जहाँ एयरपोर्ट पर मीडिया से हुई उनकी संक्षिप्त बातचीत ने शहर के संगीत प्रेमियों में एक नई हलचल और उत्साह भर दिया. इंदौर आगमन से कुछ ही घंटे पहले वे उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर में भस्म आरती के दर्शन कर लौटे थे, और उनके चेहरे पर दिख रही आध्यात्मिक चमक साफ बयान कर रही थी कि यह अनुभव उनके लिए कितना खास रहा. बातचीत की शुरुआत में ही जुबिन ने बताया कि भस्म आरती में शामिल होना उनके जीवन के सबसे दिव्य पलों में से एक है, और इस आध्यात्मिक अनुभूति ने उनके भीतर एक नई ऊर्जा और सकारात्मकता भर दी है. उन्होंने कहा कि अध्यात्म उनके जीवन का हमेशा से स्थायी सहारा रहा है और वे महाकाल को अपने आराध्य के रूप में मानते हैं.
जुबिन नौटियाल की लोकप्रियता सिर्फ उनकी रेंज और सुरों की मिठास में नहीं, बल्कि उनके व्यक्तित्व की सहजता और विनम्रता में भी झलकती है. इंदौर एयरपोर्ट पर उपस्थित पत्रकारों से बातचीत के दौरान भी उनकी वही सादगी, शालीन मुस्कान और सरल शब्द देखने को मिले, जिनकी वजह से वे लाखों श्रोताओं के साथ-साथ उद्योग के अपने सहयोगियों में भी बेहद सम्मानित हैं. कैमरों की चमक और प्रशंसकों की भीड़ के बीच भी उनका अंदाज संतुलित और आत्मीय रहा. यही कारण है कि उन्हें न केवल एक सफल कलाकार बल्कि एक ‘डाउन टू अर्थ’ इंसान के रूप में भी पहचाना जाता है.
इंदौर पहुंचते ही सबसे पहले उन्होंने अपने आगामी मल्टी–सिटी इंडिया टूर की तैयारियों का ज़िक्र किया. उन्होंने कहा कि इस सालाना टूर की शुरुआत वे 14 दिसंबर से कर रहे हैं और पहला शहर इंदौर होगा. उनके मुताबिक इंदौर के लोगों ने हमेशा उनके संगीत को खुले दिल से स्वीकारा है और हर लाइव शो में यहां की श्रोताओं की ऊर्जा उन्हें कुछ अलग ही प्रेरणा देती है. उन्होंने कहा कि “इंदौर मेरे लिए सिर्फ एक शहर नहीं, बल्कि ऐसा मंच है जहाँ मुझे अपने दर्शकों के साथ दिल से जुड़ने का मौका मिलता है. यहाँ के लोग संगीत को समझते भी हैं और महसूस भी करते हैं.”
जुबिन ने स्वयं स्वीकार किया कि पिछले कुछ वर्षों में देशभर के टूर और अंतरराष्ट्रीय प्रस्तुतियों के बावजूद इंदौर की लोकप्रियता उनके दिल में अलग स्थान रखती है. उन्हें लगता है कि मध्यप्रदेश का यह शहर उनकी आवाज़ को एक अनोखा स्पेस देता है और हर बार जब वे यहाँ परफॉर्म करने आते हैं, तो दर्शकों का उत्साह उनके भीतर एक नई रचनात्मक लय भर देता है.
अपनी गायकी और संगीत शैली के बारे में बात करते हुए जुबिन ने बताया कि वे संगीत की लगभग हर विधा में प्रयोग कर चुके हैं. चाहे रोमांटिक मेलोडी हो या सूफियाना रंग, भक्ति गीत हों या लोकधुनें—उनकी आवाज़ हर शैली में सहजता के साथ ढल जाती है. उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि कई बार लोग उन्हें मज़ाक में “फैमिली पैक सिंगर” कहकर बुलाते हैं, क्योंकि उनके गीतों में ऐसा कुछ जरूर होता है जो परिवार के हर सदस्य को पसंद आ जाता है. बच्चों के लिए मधुर रोमांटिक गीत, युवाओं के लिए दिल को छूने वाली मेलोडी, बुजुर्गों के लिए सूफी और भक्ति की छाया—उनके गानों की विविधता उन्हें हर पीढ़ी के बीच लोकप्रिय बनाती है.
बातचीत के दौरान उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि भक्ति संगीत उनके लिए सिर्फ एक शैली नहीं बल्कि एक भावनात्मक जुड़ाव है. उनका कहना था कि भक्ति गीत गाते समय वे खुद को अधिक स्थिर, शांत और केंद्रित महसूस करते हैं. उज्जैन में मिली आध्यात्मिक अनुभूति ने भी उनके इस जुड़ाव को और गहरा कर दिया. उन्होंने बताया कि महाकाल मंदिर में दर्शन करते समय उन्हें ऐसा लगा जैसे भीतर से कोई शक्ति उन्हें आगे बढ़ने, और बेहतर करने की प्रेरणा दे रही हो. आने वाले कॉन्सर्ट्स में यह ऊर्जा न सिर्फ उनके सुरों में बल्कि मंच पर उनकी उपस्थिति में भी दिखेगी.
इंदौर, उज्जैन और पूरे मालवा क्षेत्र में उनकी लोकप्रियता किसी से छिपी नहीं है. एयरपोर्ट पर जैसे ही वे बाहर आए, फैंस की भीड़ ने उनका स्वागत किया. सेल्फी और ऑटोग्राफ के अनुरोध में घिरे रहने के बावजूद उन्होंने हर प्रशंसक को मुस्कान के साथ जवाब दिया. यह व्यवहार भी उनके व्यक्तित्व की वही खूबी है, जो उन्हें खास बनाती है.
उन्होंने यह भी कहा कि पिछले कुछ महीनों में वे काफी यात्रा कर रहे हैं और देशभर के दर्शकों से मिल रहे प्रेम ने उन्हें और मेहनत करने की प्रेरणा दी है. वे अपने इस टूर को सिर्फ एक शो की श्रृंखला नहीं बल्कि संगीत प्रेमियों के साथ भावनाओं का साझा उत्सव मानते हैं. उनका कहना है कि लाइव परफॉर्मेंस में जो ऊर्जा, संवाद और मानवीय जुड़ाव होता है, वह किसी रिकॉर्डिंग स्टूडियो में संभव नहीं.
जुबिन ने अपनी बात समाप्त करते हुए कहा कि महाकाल के आशीर्वाद और इंदौर के लोगों के स्नेह के साथ वे इस नए टूर की शुरुआत के लिए बेहद उत्साहित हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि उनका संगीत आने वाले दिनों में भी लोगों के दिलों में वही मिठास, वही गहराई और वही आत्मीयता भरता रहेगा, जिसकी वजह से वे देशभर में इतने प्रिय हैं.
इस तरह इंदौर में जुबिन नौटियाल का आगमन सिर्फ एक कलाकार की यात्रा का हिस्सा भर नहीं, बल्कि एक अध्यात्म से जुड़े संगीतकार की उस ऊर्जा का प्रसार है, जो अब उनके सुरों के जरिए देश के अलग-अलग शहरों में गूंजने वाली है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-



