जबलपुर. साइबर फ्रॉड करने वाले जालसाजों ने मेडिकल कालेज अस्पताल में ठेका कर्मी से 22 हजार रुपए डरा कर ठग लिए. पहले तो जालसाज ने सिम का वेरीफिकेशन न होने का हवाला देकर मोबाइल पर भेजा गया ओटीपी बताने को कहा. जब कर्मी ने बताने से मना कर दिया तो क्राइम ब्रांच और गढ़ा थाने का एसआई बताकर उसे ब्लैकमेल करने लगा.

आरोपी बोला कि तुमने मोबाइल चुराया है. जेल जाने से बचना चाहते हो तो सेटलमेंट कर लो. अगली पार्टी को पैसे देकर मामला रफा-दफा करा लो. जालसाज ने पहले नौ हजार मांगे और धीरे-धीरे करके 22 हजार ठग लिए. चार हजार और मांग रहा है.

मेडिकल में ठेका कर्मी शास्त्रीनगर निवासी आकाश मल्लाह के मोबाइल पर गुरुवार को 6267510157 नंबर से कल सुबह कॉल आया. जालसाज बोला कि वह संचार कंपनी से बोल रहा है. उसने सिम का वेरीफिकेशन नहीं कराया है. इसे आधार कार्ड से लिंक कराना था. सिम बंद हो जाएगी. सिम चालू रखनी है तो मोबाइल पर एक लिंक भेजा गया है. उसके साथ पासवर्ड आएगा बताना होगा. आकाश ने बताने से मना कर दिया. इसके कुछ देर बाद जालसाज का फिर कॉल आया. इस बार उसने खुद का परिचय क्राइम ब्रांच के एसआई पीके मरावी के तौर पर दी. बोला कि तुमने मोबाइल चुराया है. उसने आईएमआई नंबर भी बता दिया. संयोग से आकाश को उक्त मोबाइल छह जनवरी को गिरा हुआ मिला था. 10 दिन पहले ही उसने उसमें सिम लगाई थी. जालसाज ने आकाश को डराया कि तुम्हें जेल जाना पड़ेगा. फिर बोला कि बचना चाहते हो तो पीडि़त को मोबाइल की कीमत 13 हजार रुपए देकर सेटल कर लो.

जालसाज ने बैंक खाता देकर जमा कराया पैसा

जालसाज ने आकाश को बुरी तरह से डरा दिया. बोला कि जल्दी पैसे नहीं भेजे तो तुम्हारे घर पुलिस पहुंच जाएगी. आकाश के पास पैसे नहीं थे, सो उसने दोस्त शास्त्रीनगर निवासी नीरज को खाता नंबर देकर 12 हजार 990 रुपए जमा करने के लिए बोला था. जालसाज को भी उसका नंबर दे दिया था. जालसाज ने नीरज से उक्त रकम जमा करा लिया. फिर आकाश को यह बोलकर पैसे जमा करा लिया कि नीरज का पैसा नहीं आया है.

बाइक गिरवी रखकर दिए 9 हजार रुपए

आरोपी के डराने के चलते आकाश को अपनी गाड़ी गिरवी रखनी पड़ी. उसने नौ हजार रुपए का इंतजाम किया. जालसाज के बताए खाते में नौ हजार रुपए ऑनलाइन ट्रांजेक्शन भी कर दिया. जालसाज ने आकाश से कहा कि दो घंटे तक वह किसी को मोबाइल नहीं करेगा और न ही किसी का कॉल रिसीव करेगा. फिर चाहे खुद उसका ही कॉल क्यों न आए. इसी तरह जालसाज ने नीरज से भी कहा था. यही कारण रहा कि आकाश व नीरज एक दूसरे को कॉल कर पैसे भेजने के बारे में नहीं बता पाए. जालसाज पीडि़त मेडिकल के ठेका कर्मी आकाश के मोबाइल पर अब भी कॉल कर उसे चार हजार रुपए और जमा करने के लिए बोल रहा है. शुक्रवार शाम चार बजे पीडि़त स्थानीय समाजसेवी आशीष ठाकुर के साथ गढ़ा थाने पहुंचा.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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