एक दिन सम्मेलन मनाने से नहीं आ सकती समानता, डबलूसीआरईयू ने अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर किया नारीशक्ति का सम्मान

एक दिन सम्मेलन मनाने से नहीं आ सकती समानता, डबलूसीआरईयू ने अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर किया नारीशक्ति का सम्मान

प्रेषित समय :19:13:16 PM / Mon, Mar 8th, 2021

कोटा. वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे एम्पलाईज यूनियन (डबलूसीआरईयू) के तत्वाधान में अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन दिनांक 8 मार्च को उमरावमल पुरोहित सभागार में दोपहर 12.00 बजे महिला सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस मौके पर अतिथियों ने कहा कि महिलाओं का सम्मान किसी एक दिवस में नहीं हो सकता, इसके लिए हर समय, घर, दफ्तर में पुरुषों को अपनी मानसिकता में व्यापक बदलाव लाने से हो सकेगा.

यूनियन की महिला विंग की मुख्य संयोजिका ज्ञान दीक्षित एवं चेयरपर्सन अल्पना शुक्ला ने बताया कि अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिला सम्मेलन के मुख्य अतिथि मंडल रेल प्रबंधक पंकज शर्मा, अपर मंडल रेल प्रबंधक सुधीर सरवरिया, मनोज जैन, वरि.मंडल कार्मिक अधिकारी सुबोध विश्वकर्मा, पूर्व महापौर श्रीमती रत्ना जैन, एडवोकेट कल्पना शर्मा, यूनियन के महामंत्री मुकेश गालव रहे. कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलित कर सरस्वती वंदना से किया. महिला सम्मेलन में आये अतिथियों का माला, शॉल, श्रीफल भेंट कर स्वागत किया.

महिला सम्मेलन को संबोधित करते हुये यूनियन के महामंत्री मुकेश गालव ने कहा कि  यूनियन द्वारा महिला सम्मेलन का आयोजन पिछले 28 वर्षों से मनाती आ रही है. केवल एक दिन महिला सम्मेलन मनाने से समानता नहीं आयेगी हमें प्रत्येक दिन कार्यस्थल, घर या समुदाय पर चर्चा कर अपनी और अपने पुरूष सहयोगी की मानसिकता में परिवर्तन लाना होगा.

मुख्य अतिथि मंडल रेल प्रबंधक पंकज शर्मा ने अपने उद्घाटन भाषण करते हुये कहा कि महिलाये आज बहुत आगे बढ़ चुकी है हर क्षेत्र में अपना स्थान, वर्चस्व कायम किया है. लेकिन फिर भी जो सम्मान और समानता उसे मिलना चाहिये वह पूर्ण रूप से नहीं मिल पा रहा है. आज आवश्यकता है महिलाओं को अपने आप को समझने की. कौन कहता है महिलाये कमजोर है, प्राचीन समय से ही सक्षम है, उन्होंने युद्धों में भाग लिया, विदुषी हुई. इसलिये हमें आज अपने आप में परिवर्तन लाने की आवश्यकता है.

महिला सम्मेलन को संबोधित करते हुये पूर्व महापौर रत्ना जैन ने कहा कि विश्व स्तर पर एक तिहाई से ज्यादा महिलायें कार्यस्थल, घर या समुदाय में हिंसा का शिकार होती है. समानता पर आधारित हिंसा महिलाओं के अधिकारों का हनन है तथा विश्वभर में कार्यस्थल पर इसके रोकथाम के लिये यूनियन प्रतिबद्ध है. विश्व भर में समानता पर आधारित हिंसा को रोकने के लिये यूनियन अंतराष्ट्रीय श्रम संगठन से संधि बनाने की मांग करता है. जब तक महिला स्वयं जागरूक होगी तब तक समानता नहीं आयेगी.

सम्मेलन में एडवोकेट कल्पना शर्मा ने कहा कि महिलाओं को अपने अधिकार के लिये स्वयं संघर्ष करना होगा  और अपने अधिकारों की जानकारी रखनी होगी उसे कोई देगा नहीं . सभी महिलाओं को एकजुट होकर आवाज उठानी होगी.

कार्यक्रम में पूरे सप्ताह चली अनेक प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार वितरित करके सम्मानित किया गया. साथ ही आज की प्रतियोगिताये नृत्य, गायन आदि प्रतियोगितायें आयोजित की गईं. वेस्ट सेन्ट्रल रेलवे एम्पलाईज यूनियन की यूनियन महिला पदाधिकारियों, कोटा मंडल के समस्त विभागों की महिला रेलकर्मचारियों के साथ हिन्द मजदूर सभा से संलग्न आजाद हिन्द बिल्डिंग वर्कर्स यूनियन की भवन निर्माण महिलायें, राजस्थान माईन्स वर्कर्स यूनियन, राजस्थान आंगनबाड़ी महिला कर्मचारी संघ की आंगनबाड़ी की महिलाये सहित लगभग 500 महिलाओं ने अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर उपस्थित रही.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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