मोदी सरकार का मेगा प्लान: अगले 4 साल में बेचेगी 100 सरकारी कंपनी, जुटाएगी 5 लाख करोड़

मोदी सरकार का मेगा प्लान: अगले 4 साल में बेचेगी 100 सरकारी कंपनी, जुटाएगी 5 लाख करोड़

प्रेषित समय :12:10:01 PM / Thu, Mar 11th, 2021

नई दिल्ली. केन्द्र की मोदी सरकार अगले चार साल में करीब 100 संपत्तियों को बेचने की योजना पर काम कर रही है. इसके के लिए युद्धस्तर पर काम किया जा रहा है. अब नीति आयोग ने केंद्र सरकार के संबंधित मंत्रालयों को उन संपत्तियों की पहचान करने को कहा है जिसे अगले कुछ सालों में मोनेटाइज किया जा सकता है. इसके लिए निति आयोग ने एक पाइपलाइन तैयार करने के लिए कहा है. नीति आयोग उन संपत्तियों और कंपनियों की एक लिस्ट तैयार कर रहा है जिसे आने वाले दिनों में बिक्री के लिए शेड्यूल किया जा सकता है.

वैल्यू करीब ₹5,00,000 करोड़ रुपये होगी

नीति आयोग कम से कम 100 ऐसी संपत्तियों की पहचान कर चुका है जिनका निजीकरण किया जाना है और इनकी वैल्यू ₹5,00,000 करोड़ होगी. सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि सरकार इन संपत्तियों को बेचने के लिए फास्ट्रेक मोड में काम करेगी. करीब 31 व्यापक एसेट्स क्लासेज, 10 मंत्रालयों या केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के लिए मैप किए गए हैं. यह सूची मंत्रालयों के साथ साझा की गई है और संभावित निवेश स्ट्रक्चर पर विचार शुरू हो गया है. इन संपत्तियों में टोल रोड बंडल, पोर्ट, क्रूज़ टर्मिनल, टेलीकॉम इन्फ्रास्ट्रक्चर, तेल और गैस पाइपलाइन, ट्रांसमिशन टॉवर, रेलवे स्टेशन, स्पोर्ट्स स्टेडियम, पर्वतीय रेलवे, परिचालन मेट्रो सेक्शन, वेयरहाउस और वाणिज्यिक परिसर शामिल हैं. यदि संस्थाओं का निजीकरण किया जा रहा है, तो इसे प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए निपटान के लिए एक लैंड मैनेजमेंट एजेंसी को हस्तांतरित किया जाएगा. एक अन्य सरकारी अधिकारी ने कहा है कि फ्रीहोल्ड लैंड को इस प्रस्तावित फर्म को हस्तांतरित कर दिया जाएगा, जो डायरेक्ट बिक्री या रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट या आरईआईटी मॉडल के माध्यम से कमाई करेगा.

क्या है सरकार का प्लान?

बता दें कि हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi)ने एक वेबिनार में सरकार के विनिवेश प्लान  को लेकर चर्चा की. पीएम मोदी ने कहा कि सरकार मौद्रिकरण, आधुनिकीकरण पर ध्यान दे रही है. निजी क्षेत्र से दक्षता आती है, रोजगार मिलता है. निजीकरण, संपत्ति के मौद्रिकरण से जो पैसा आएगा उसे जनता पर खर्च किया जाएगा. सरकार बंद पड़ी हुई 100 सरकारी संपत्तियों को बेचकर धन जुटाने पर काम कर रही है. नए आंकड़ों के अनुसार, करीब 70 से अधिक सरकारी कंपनियां घाटे में चल रही हैं, इनमें राज्य द्वारा संचालित यूनिट्स भी हैं. जिन्होंने वित्त वर्ष 2019 में 31,635 करोड़ रुपये के संयुक्त नुकसान की सूचना दी थी. सरकार अब इन सभी घाटे में चल रही यूनिट्स को बंद करना चाहती हैं.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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