नई दिल्ली. मोदी सरकार विनिवेश, निजीकरण और संपत्ति के मुद्रीकरण की नीति पर सवार होकर अर्थव्यवस्था में जान फूंकने की तैयारी में है. पीएम मोदी ने अगले तीन सालों में असेट मोनेटाइजेशन की मदद से 2.5 लाख करोड़ रुपए का फंड इक_ा करने का लक्ष्य रखा है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार लक्ष्य का आधा यानी 1.3 लाख करोड़ रुपए रेलवे और टेलिकॉम सेक्टर में असेट मोनेटाइजेशन से इक_ा करना चाहती है. वित्त वर्ष 2021-22 के लिए सरकार ने विनिवेश और निजीकरण का लक्ष्य 1.75 लाख करोड़ रुपए रखा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों कहा था कि सोच विचार कर सरकारी कंपनियों के निजीकरण से संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल हो पाएगा. निजीकरण के बाद बेकार पड़ी संपत्ति का सही उपयोग होगा. सरकार ने 100 से अधिक ऐसी संपत्ति की पहचान कर ली है जिसकी आने वाले समय में बिक्री की जाएगी. इसी सप्ताह नीति आयोग की तरफ से एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया था. इस वर्कशॉप की अध्यक्षता निर्मला सीतारमण की थीं. उनके अलावा अलग-अलग मंत्रालयों को टॉप ब्यूरोक्रैट इस वर्कशॉप में शामिल हुए थे.
रेलवे से 90 और टेलिकॉम से 40 हजार करोड़ का फंड आएगा
असेट मोनेटाइजेशन को लेकर पीएम मोदी की घोषणा के बाद नीति आयोग इस काम को अंजाम देने में जुट गया है. इसके लिए वह अलग-अलग मंत्रालयों और डिपार्टमेंट से संपर्क साधे हुए है. नीति आयोग ने रेलवे के असेट मोनेटाइजेशन की मदद से 90 हजार करोड़ जुटाने का लक्ष्य रखा है. इसके अलावा बीएसएनएल और एमटीएनएल के टेलिफोन टॉवर और ऑप्टिकल फाइबर इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेचकर 40 हजार करोड़ जुटाने का लक्ष्य रखा गया है.
बीएसएनएल अभी 2 साल और रहेगा नुकसान में
सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि घाटे में चल रही सार्वजनिक क्षेत्र की भारत संचार निगम लिमिटेड को वित्त वर्ष 2023-24 से प्रॉफिट में आने की उम्मीद है. यह रिवाइवल पैकेज के तहत प्रस्तावित योजनाओं और रणनीतियों के लागू होने पर निर्भर करेगा. बीएसएनएल ईबीआईटीडीए के लिहाज से प्रॉफिट में है. ईबीआईटीडीए का मतलब ब्याज, टैक्स, डेप्रिशिएशन और एमोर्टाइजेशन से पूर्व आय से है. सरकार ने अक्टूबर 2019 में बीएसएनएल और एमटीएनएल को पटरी पर लाने की रिवाइवल पैकेज को मंजूरी दे दी. इसमें स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति, 4जी स्पेक्ट्रम के लिए समर्थन, प्रमुख और गैर-प्रमुख संपत्तियों को बाजार पर चढ़ाना (बेचना या पट्टे पर देना), सार्वजनिक उपक्रमों द्वारा पूंजी जुटाने के लिये बांड के लिये सरकारी गारंटी और एमटीएनएल और बीएसएनएल का अल्पकाल में विलय शामिल हैं.
नीति आयोग 100 संपत्तियों की पहचान कर ली है
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट की एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र ने अगले चार सालों में (2025 तक) निजीकरण के जरिए 5 लाख करोड़ रुपए का भारी भरकम फंड इक_ा करने की योजना बनाई है. इसके लिए नीति आयोग 100 महत्वपूर्ण सरकारी संपत्ति की पहचान भी कर ली है. निजीकरण के जरिए इससे सरकारी खजाने में 5 लाख करोड़ आने का अनुमान है. 10 अलग-अलग मंत्रालयों और पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज की 31 महत्वपूर्ण संपत्तियों की पहचान की जा चुकी है और इसकी लिस्ट भी संबंधित मंत्रालयों को सौंपी जा चुकी है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जबलपुर रेलवे स्टेशन पर 11 लाख रुपये के नोटों के साथ पकड़ाया यात्री, देखें वीडियो
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