नई दिल्ली. भारत का विदेशी मुद्रा भंडार अब दुनिया का चौड़ा सबसे बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार बन गया है. इस मामले में भारत ने रूस को पीछे छोड़कर यह स्थान हासिल किया है. भारत के पास वर्तमान में 580.3 अरब डॉलर विदेशी मुद्रा भंडार मौजूद है.
कोविड-19 महामारी के कारण उतार-चढ़ाव से बचने के लिए उभरते देश विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने में जुटे हैं. भारत और रूस के विदेशी मुद्रा भंडार में पिछले कई महीनों से वृद्धि जारी है. पिछले हफ्ते रूस के विदेशी मुद्रा भंडार में अधिक गिरावट आने की वजह से भारत ने अब दुनिया में चौथा स्थान हासिल कर लिया है.
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा शुक्रवार को जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 5 मार्च को समाप्त सप्ताह में 4.3 अरब डॉलर घटकर 580.3 अरब डॉलर रह गया, वहीं इस दौरान रूस का विदेशी मुद्रा भंडार घटकर 580.1 अरब डॉलर रह गया. इस तेज गिरावट के कारण भारत अब रूस को पीछे छोड़कर चौथे स्थान पर आ गया है.
दुनिया के सबसे बड़े विदेशी मुद्रा भंडार वाले देशों की सूची में चीन शीर्ष पर है. इसके बाद क्रमश: जापान और स्विट्जरलैंड का स्थान है. चौथे नंबर पर भारत और पांचवें स्थान पर रूस है. भारत के पास जो विदेशी मुद्रा भंडार है, वह 18 महीने के आयात के लिए पर्याप्त है. भारतीय शेयर बाजारों में एफआईआई द्वारा भारी निवेश और एफडीआई के जरिये निवेश में वृद्धि से भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में रिकॉर्ड उछाल आया है.
आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार 26 फरवरी को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 68.9 करोड़ डॉलर बढ़कर 584.554 अरब डॉलर हो गया था. विदेशी मुद्रा भंडार 29 जनवरी 2021 को समाप्त सप्ताह में 590.185 अरब डॉलर के रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया था.
5 मार्च को समाप्त सप्ताह के दौरान देश के स्वर्ण भंडार का मूल्य 1.206 अरब डॉलर घट कर 34.215 अरब डॉलर था. देश को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष में मिला विशेष आहरण अधिकार 1.1 करोड़ डॉलर घटकर 1.506 अरब डॉलर रह गया. आईएमएफ के पास आरक्षित मुद्रा भंडार भी घटकर 4.965 अरब डॉलर रह गया.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-शुरूआती कारोबार में शेयर बाजर में तेजी, सेंसेक्स में आया 400 अंकों का उछाल
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