नई दिल्ली. देश के पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में गरज के साथ तेज बारिश और तेज हवाएं चलने के आसार बने हुए हैं. उत्तर पश्चिम भारत और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में दिन के तापमान में 3 से 4 डिग्री की गिरावट आने की संभावना है. पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में कुछ स्थानों पर धूल भरी आंधी चलने की भी संभावना जताइ गई है. इसके अलवा हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और अरुणाचल प्रदेश में कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश के साथ तेज और भारी बारिश की संभावना है.
मौसम विभाग के अनुसार दिल्ली में आज भी आसमान में बादल छाए रहने के आसार हैं. दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में हल्की बारिश भी हो सकती है. हरियाणा के आस-पास के क्षेत्रों में भी बारिश की संभावना है. मौसम विभाग के अनुसार हिसार, बरवाला, नरवाना, जींद, भिवानी, कैथल, रोहतक में बारिश की संभावना है.
बारिश का उत्तराखंड को सबसे ज्यादा फायदा होने की उम्मीद है. क्योंकि वहां पिछले कई महीने से जंगलों में आग लगी हुई है. ऐसे में बारिश से आग के शांत होने की उम्मीद है. उत्तराखंड से लेकर हिमाचल तक हुई बर्फबारी और पंजाब के मैदानी इलाकों में हुई बारिश से मौसम में कुछ ठंडक बनी हुई है. वहीं उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में आज भी कहीं-कहीं हल्की बारिश की संभावना है.
शनिवार को गंगोत्री-यमुनोत्री, बदरी-केदार समेत औली, हेमकुंड, हर्षिलघाटी में हिमपात हुआ. बर्फबारी से सेना को हेमकुंड मार्ग खोलने का काम अटलाकोटी में रोकना पड़ा. वहीं बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि के चलते किसानों की परेशानी भी बढ़ गई है. ओले गिरने से सेब, चुल्लू और खुमानी की फसल बर्बाद हो गई है. बारिश से बागेश्वर जिले और पिथौरागढ़ में मुनस्यारी क्षेत्र के जंगलों में लगी आग बुझ चुकी है.
पंजाब में लगातार दूसरे दिन कई जिलों में तेज बारिश हुई. बारिश से प्रमुख शहरों के अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की गई है. मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि अमृतसर, जालंधर, लुधियाना सहित कई जिलों में सोमवार तक बादल छाए रहेंगे और बारिश भी हो सकती है. 10 अप्रैल से शुरू हुई गेहूं की खरीद ने रफ्तार पकड़ी ही थी कि बारिश ने लिफ्टिंग में फिर समस्या उत्पन्न कर दी है. शनिवार को प्रदेश के विभिन्न इलाकों में हुई बारिश के कारण मंडियों में खुले में पड़ा गेहूं भीग गया है.
हिमाचल प्रदेश के अधिकतर क्षेत्रों में शुक्रवार शाम से शुरू हुई बारिश शनिवार को भी दिनभर रुक-रुक कर जारी रही. वहीं चोटियों पर हिमपात हुआ. मैदानी इलाकों को छोड़ दें तो यह बारिश कृषि और बागवानी के लिए फायदेमंद है. हालांकि मैदानी इलाकों में गेहूं की कटाई का कार्य चल रहा है, जो बाधित हुआ है. वहीं फलों की सेटिंग के बाद अब जब फल बन रहे हैं तो इस बारिश से आकार बढऩे में मदद मिलेगी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पश्चिम विछोभ ने बदला मौसम का मिजाज, देश के अनेक हिस्सों में बारिश की संभावना
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