एक नए अध्ययन में पाया गया कि लड़कों की तुलना में लड़कियों के लिए मोटापा ज्यादा घातक है। शोधकर्ताओं ने कहा कि मोटापाग्रस्त लड़कियों में चयापचय संबंधी परिवर्तन विकसित होने की संभावना अधिक होती है, जैसे उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स का अत्यधिक स्तर। इससे उम्र बढ़ने के साथ-साथ उनमें हृदयरोगों का जोखिम भी बढ़ जाता है।
लिपिड प्रोफाइल में परिवर्तन देखने को मिला: यह अध्ययन एफएपीईएसपी के साथ साओ पाउलो विश्वविद्यालय के बायोमेडिकल साइंसेज इंस्टीट्यूट (आईसीबी-यूएसपी) और सांता कासा डी मैसरिसोर्डिया डी मेडिकल कॉलेज ऑफ मेडिकल के शोधकर्ताओं ने किया है। ब्राजील में 92 प्रतिभागियों को इस अध्ययन में शामिल किया गया।
शोधकर्ताओं ने कहा कि मोटापे से ग्रस्त लड़कियों में लिपिड प्रोफाइल में परिवर्तन देखे गए जो कि सामान्य वजन वाली लड़कियों में देखने को नहीं मिले। इसके अलावा मोटापाग्रस्त लड़कियों में वयस्क होने पर हृदयरोगों के विकसित होने की उच्च प्रवृत्ति पाई गई है।
जर्नल फ्रंटियर्स इन न्यूट्रिशन में प्रकाशित
इस अध्ययन के निष्कर्ष जर्नल फ्रंटियर्स इन न्यूट्रिशन में प्रकाशित किए गए हैं। प्रमुख लेखक एस्टेफेनिया सिमोंस ने बताया कि हमने पाया कि मोटापाग्रस्त लड़कियों में एलडीएल और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर में वृद्धि पाई गई, जो तथाकथित 'खराब कोलेस्ट्रॉल' होता है। इनमें सामान्य वजन वाली लड़कियों की तुलना में एचडीएल, जिसे 'अच्छा कोलेस्ट्रॉल' कहा जाता है कम होता है।
लड़कों के लिपिड प्रोफाइल से तुलना : शोधकर्ताओं के अनुसार, मोटोपे से पीड़ित लड़कियों में लिपिड प्रोफाइल में परिवर्तनों की तुलना जब मोटापाग्रस्त लड़कों से की गई तो पाया गया कि मोटे लड़कों की अपेक्षा मोटी लड़कियां हृदयरोगों के ज्यादा जोखिम में थीं।
न्यूरोइमेजिंग तकनीक का इस्तेमाल किया
सिमोंस के अनुसार, यह अपनी तरह का पहला अध्ययन है जिसमें हमने 11 से 18 वर्ष की आयु के मोटे और गैर-मोटे लड़कियों व लड़कों में वयस्क अवस्था में होने वाले हृदयरोगों की तुलना की। हमने न्यूरोइमेजिंग का उपयोग करते हुए यह पता लगाने की कोशिश की कि मोटापे से ग्रस्त लड़के और लड़कियों में संतुष्टि और भूख से जुड़े मस्तिष्क क्षेत्रों में क्या परिवर्तन होते हैं। इसके बाद प्रतिभागियों में रक्तचाप का स्तर मापा और रक्त के नमूनों का विश्लेषण किया।
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-स्वाद, गंध जाए तो समझो कोरोना का खतरा गंभीर नहीं , रिसर्च में हुआ खुलासा
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