जबलपुर. पश्चिम मध्य रेल द्वारा मानसून आने के पहले से ही मुस्तैदी दिखाते हुए व्यापक स्तर पर तैयारी शुरू कर दी गई है, जिससे मानसून के समय में ट्रेनों का संचालन सुचारू रूप से चलता रहे.
इन कार्यों को समय से पहले ही पूरा किया
- जबलपुर मंडल के सभी 112 स्टेशनों पर पेड़ों की छटिंग कर वनस्पति को हटाया गया है. ट्रैक के किनारे की नालियों में जमी रेतों को हटाने के साथ-साथ नालियों के ड्रेनेज भी साफ कर दिये गए हैं. जिससे मानसून का पानी पटरियों पर ना आ सके.
- रेलवे द्वारा राज्य के सिंचाई अधिकारियों के साथ संयुक्त निरीक्षण किया गया तथा 82 रेलवे स्टेशनों के समीप रेलवे टंकियों की साफ-सफाई का कार्य सिंचाई के कर्मचारियों के साथ संयु रूप से पूरा कर लिया गया है.
- पीडब्ल्यूआई और रेलवे के मैदानी अमले के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा रेलवे के सभी महत्वपूर्ण बड़े और छोटे 2805 पुलों का निरीक्षण पिछले वर्ष के मानसून के बाद किया गया था और सुरक्षा की दृष्टि से पुलों को मरम्मत सुधार करके समय से पहले ही ठीक कर दिया गया है.
• रेलवे के इंजीनियरिंग और टीआरडी अधिकारियों के साथ संयुक्त निरीक्षण के दौरान चिन्हित किये गए (ए-श्रेणी-140 और बी श्रेणी-1360 पेड़) कुल लगभग 1500 पेड़ विभिन्न श्रेणियों के हैं. जो रेल यातायात में तेज हवाओं के प्रभाव से बाधा उत्पन्न कर सकते थे. ऐसे पेड़ों की छटिंग कर दी गई है.
- रेलवे ट्रैक पर बने 04 महत्वपूर्ण पुलों (कोरनी, नर्मदा, सतना और दासन) नदियों के समीप स्थापित स्टेशनों पर एनीमोमीटर (मौसम चेतावनी उपकरण) की स्थिति को परीक्षण कर लिया गया है. इस महत्वपूर्ण उपकरण के द्वारा यदि तेज हवाएं 72 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती है तो इसकी सूचना समीपवर्ती स्टेशनों पर मिल जाती है. क्योंकि 72 किमी प्रति घण्टे की तेज हवाएं रेल यातायात के लिए खतरा उत्पन्न कर सकती है.
- बाढ़ के खतरों को मापने के लिए बाढ़ गेज यंत्र निगरानी प्रणाली को 05 महत्वपूर्ण पुलों (नर्मदा, कोपरा, बरमी, हिरन एवं महानदी) पर सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया गया है. जिसे प्रणाली के द्वारा मानसून सीजन में दिन में दो बार (06:00 और 18:00 बजे) पुलों पर पानी के स्तर का संदेश समीपवर्ती मैदानी अमले एवं स्टेशनों को भेजा जाता है. बाढ़ की स्थिति में खतरनाक स्तर पर पानी पहुँचने पर बार-बार अलर्ट का संदेश भेजा जाता है.
- मंडल पर मानसून रिजर्व का पर्याप्त स्टॉक (कटनी मुड़वारा और सगोनी स्टेशनों पर बोल्डर के 15 लोडेड वैगन और मकरोनिया स्टेशन में स्टोन डस्ट के 30 वैगन) आपातकालीन आवश्यक के लिए तैयार खड़े है. 05 आरएच गर्डर और 350 नग सीसी क्रिब्स के पर्याप्त सेट पहले से ही स्टेशनों और एलसी गेटों में लोडिंग स्थिति में रखें गए हैं जिन्हें आपात स्थिति में इस्तेमाल किया जा सकता है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-रेलवे अपने देश भर के अस्पतालों में लगाएगा 86 ऑक्सीजन प्लांट
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