तूफान से बचाने ट्रेनों को बांधा जंजीर से, नदी के किनारे रहने वालों को हटाने का काम जारी

तूफान से बचाने ट्रेनों को बांधा जंजीर से, नदी के किनारे रहने वालों को हटाने का काम जारी

प्रेषित समय :20:25:26 PM / Mon, May 24th, 2021

हावड़ा. चक्रवाती तूफान यास से निपटने के लिए जिला प्रशासन की ओर से युद्धस्तर की तैयारी की जा रही है. खास तौर पर ग्रामीण हावड़ा के अंतर्गत आने वाले दामोदर और रूपनारायण नदी के आसपास रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम जारी है. इन लोगों को स्कूल, कॉलेज, धर्मशाला और अन्य जगहों पर रखने की व्यवस्था की गई है. माइकिंग के जरिए ग्रामीणों को अलर्ट करने का काम दिन-रात जारी है. मिट्टी के घरों में रहने वाले ग्रामीणों को भी जरूरत के सामानों के साथ सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा रहा है. दूसरी तरफ बड़ी संख्या में ग्रामीणों के साथ-साथ पालतू मवेशियों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने का काम किया जा रहा है.

बताया जाता है श्यामपुर 1 और 2, बागनान 1 और 2 के अलावा उदयनारायणपुर में अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है. बताया जा रहा है कि ये सभी इलाके दामोदर और रूपनारायण नदी से सटे हुए हैं. तूफानी बारिश का सबसे अधिक नुकसान प्रत्येक साल इन्हीं इलाकों में होता है. ग्रामीण जिला पुलिस के अधीक्षक सौम्य राय ने कहा है कि स्थिति पर पूरी नजर रखी जा रही है. यास चक्रवात के दौरान जानमाल का कम से कम नुकसान हो, इसकी हरसंभव कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा है कि गादियाड़ा और जयपुर के पास नदी के कमजोर बांधों की मरम्मत कराई गई है. ग्रामीणों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा रहा है. वहीं, हावड़ा जिला परिषद के सहायक अध्यक्ष अजय भट्टाचार्य के मुताबिक जिला परिषद में भी निगरानी समिति का गठन कर दिया गया है. यास चक्रवात को देखते हुए खतरनाक पौधों को काटने का काम शुरू हो गया है.

पिछले साल की तरह इस बार भी रेलवे ने एहतियाती कदम उठाते हुए यार्ड में खड़ी ट्रेनों को जंजीर से बांध दिया है. शालीमार, टिकियापाड़ा, सांतरगाछी में लंबी दूरी की ट्रेनें काफी संख्या में खड़ी हैं. यास के कारण 100 से अधिक लंबी दूरी की ट्रेनों को अब तक रद्द किया जा चुका है. शालीमार रेलवे साइडिंग में लूप लाइन पर खड़ी तूफान के कारण मेन लाइन पर नहीं आ जाए, इसी को ध्यान में रखते हुए लोहे की मोटी जंजीर से ट्रेनों के पहियों को बांध दिया गया है. शालीमार स्टेशन के चीफ यार्ड मास्टर राजा सान्याल ने बताया है कि चक्रवाती तूफान आने के कारण कड़ी चौकसी बरती जा रही है. सभी रेकों को जंजीर की मदद से बांधकर रखा जा रहा है.

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