पलपल संवाददाता, जबलपुर. पुण के सीरम इंस्टीट्यूट से एमपी के जबलपुर को भेजी गई कोरोना से बचाव की कोवीशील्ड वैक्सीन महाराष्ट से एमपी के बीच गायब हो गई. खासबात तो यह है कि जबलपुर के जिस मैक्स हैल्थ केयर अस्पताल के लिए वैक्सीन भेजी गई है, वो अस्पताल जबलपुर में है ही नहीं. स्वास्थ्य विभाग की सूची में भी इस नाम का अस्पताल नहीं मिला है, तो आखिर जबलपुर के किस अस्पताल ने उक्त वैक्सीन का आर्डर दिया था, वह वैक्सीन कहां गायब हो गई. इस मामले को लेकर भोपाल से दिल्ली तक हड़कम्प मचा हुआ है.
सूत्रों के अनुसार मध्यप्रदेश के 6 निजी अस्पतालों द्वारा सीरम इंस्टीट्यूट पुणे से कोवीशील्ड खरीदी गई है, जिसमें इंदौर के तीन, जबलपुर, ग्वालियर व भोपाल के एक-एक निजी अस्पताल का नाम शामिल है, इन अस्पतालों में 43 हजार डोज वैक्सीन खरीदी, जिसमें जबलपुर के मैक्स हैल्थ केयर इंस्टीट्यूट के नाम से दस हजार डोज खरीदे गए, एक वायल में दस डोज रहते है. मामले का खुलासा उस वक्त हुआ जब जिला टीकाकरण अधिकारी शत्रुघन दाहिया ने वैक्सीनेशन एप पर दो दिन पहले यह मैसेज देखा कि जिसमें जबलपुर के मैक्स हैल्थ केयर अस्पताल को दस हजार डोज आवंटित किए जाने की जानकारी थी, दस हजार डोज आवंटित किए जाने की खबर मिलते ही सीएमएचओ सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों में भी हड़कम्प मच गया, उन्होने जबलपुर के निजी अस्पतालों की सूची खंगाली तो इस नाम का तो कोई निजी अस्पताल जबलपुर में मिला ही नहीं, तत्काल ही इस बात की सूचना भोपाल में स्वास्थ्य अधिकारियों को दी गई, अब मामले को लेकर हड़कम्प मचा है, आखिर किसने वैक्सीन का आर्डर दिया है. मामले को लेकर जबलपुर में स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा मामले में जांच की जा रही है. कहीं कोई निजी अस्पताल या फिर किसी अन्य दवा माफिया की साजिश तो नहीं है जिसने यह खेल रचा है.
ऐसा है अनुबंध-
सूत्रों के अनुसार कोवीशील्ड वैक्सीन बनाने वाली पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट व केन्द्र सरकार के बीच जो अनुबंध हुआ है, उसके अनुसार राज्य सरकार को उक्त वैक्सीन का एक डोज 4 सौ रुपए, निजी अस्पताल को 6 सौ व केन्द्र सरकार को 150 रुपए प्रति डोज के हिसाब से मिलना है.
गायब हुई वैक्सीन की कीमत 60 लाख रुपए-
जबलपुर के मैक्स हैल्थ केयर के नाम से भेजी गई वैक्सीन के दस हजार डोज की कीमत 60 लाख रुपए है, इतना ही भुगतान सीरम इंस्टीट्यूट को किया गया होगा. आखिर इतनी अधिक राशि देकर वैक्सीन बुलवाने वाले ने फर्जी अस्पताल का नाम का पता कैसे दिया है, आखिर इसके पीछे वजह क्या हो सकती है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपने स्तर पर जांच कर रहे है, वहीं मामले की जानकारी भोपाल से दिल्ली तक बैठे अधिकारियों को भी दे दी गई है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एमपी के जबलपुर में पकड़ा गया नकली नोट बनाने का कारखाना, 100, 200, 500 के नोट बरामद, देखे वीडियो
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