हमारी शारीरिक शक्ति की उत्पत्ति , स्थिति तथा वृद्धि सूर्य पर आधारित है . सूर्य की किरणों का रक्त, श्वास , व पाचन क्रिया पर सीधा प्रभाव पड़ता है . अगर मनुष्य चाहे तो सूर्य की ऊर्जा के माध्यम से सीधे ही रोग मुक्त हो सकता है .
अर्घ्यदान-सूर्योदय के समय सूर्य की सप्तरंगी किरणें
एक औषधि के रूप में कार्य करती हैं ,, जब हम सूर्य को अर्घ्य देते हैं तो हमारा शरीर 90° डिग्री के कोण पर होता है ,, इसके कारण सूर्य की ऊर्जा जलधारा से होकर सीधे हमारे शरीर के अंगों पर पड़ती हैं जिससे हमें आध्यात्मिक लाभ के साथ साथ औषधीय लाभ भी प्राप्त होता है ,, इसके प्रभाव से मानव शरीर रोगों से लड़ने की ऊर्जा को संचित कर लेता है और आरोग्य प्राप्ति होती है
सूर्य स्नान- सूर्योदय के समय कम से कम वस्त्र पहनकर , सूर्य की किरणें नाभि पर पड़े इस प्रकार सुखासन में बैठ जाएं . इसके उपरांत आंखे बंद करके ऐसी धारणा करें की सूर्य की रक्तवर्णी ऊर्जा मेरी नाभि में प्रवेश कर रही है , मेरे शरीर में सूर्य देव की तेजोमय शक्ति संचारित हो रही है , साथ में ॐ का मानसिक जाप भी करें ,, इससे आपके शरीर की नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होगी ,, शरीर रोग मुक्त रहेगा . ऐसा प्रतिदिन 15 मिनट करें...!!
Astro nirmal
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