पलपल संवाददाता, जबलपुर/भोपाल. मध्यप्रदेश में 12वीं की परीक्षा का परिणाम 10वीं क्लास के 5 विषयों में आने वाले सबसे ज्यादा अंकों के अधिभार के आधार पर बनेगा, जिसके चलते कोई भी स्टूडेंटस फेल नहीं किया जाएगा, हालांकि इसकी विस्तृत गाइड लाइन बनाने के लिए फिर से बैठक होना संभावित है, क्योंकि अधिभार शब्द को लेकर क्लीयरिटी नहीं हो सकी है.
बैठक में अधिभार को लेकर एक क्लीयरिटी न होना, इसके अलावा यहां पर सीबीएसई फार्मूला भी इसलिए लागू नहीं हो सका है क्योंकि अधिकतर स्कूलों ने 11वीं की परीक्षा ही नही ली थी, जबकि सीबीएसई अपने रिजल्ट में 11वीं के अंको को जोडऩे जा रहा है, एमपी बोर्ड के स्कूलों को एक भय यह भी था कि यदि रिजल्ट में कुछ भी गड़बड़ी हुई और छात्र ने रिजल्ट को चैलेंज किया तो स्कूल वाले उत्तर पुस्तिका कहां से उपलब्ध कराएगें, यही वजह है कि सीधे दसवीं के अंकों से 12वीं के रिजल्ट निकालने पर सहमति देना पड़ी है.
परीक्षा वर्ष 2021 की नियमित और प्राइवेट के स्टूडेंट्स के लिए फॉर्म भरने वाले सभी छात्रों को उनकी कक्षा दसवीं के सर्वश्रेष्ठ पांच विषय के विषयवार अंकों के अधिभार के आधार पर रिजल्ट बनाने पर सहमति बन गई है. नियमित और प्राइवेट किसी भी छात्र को फेल नहीं किया जाएगा. कक्षा दसवीं के विषयों के आधार पर परीक्षा परिणाम तैयार करने की विस्तृत कार्य योजना का जिम्मा माध्यमिक शिक्षा मंडल को सौंपा गया है. वहीं अलग से गाइड लाइन जारी की जाएगी कि अंकों का अधिभार किस तरह से निकाला जाएगा, मंडल द्वारा निर्धारित मापदंड के आधार पर तैयार रिजल्ट से कोई छात्र सतुंष्ट नहीं है तो वह अलग से राज्य शासन द्वारा भविष्य में आयोजित परीक्षा दे सकेगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जबलपुर में अंधे हत्याकांड का खुलासा: रुपए न मिलने पर बेटे ने की थी पिता की नृशंस हत्या
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