जबलपुर. पश्चिम मध्य रेल ऊर्जा संरक्षण के लिए सदैव तत्पर एवं अग्रणी रहा है. पश्चिम मध्य रेल के महाप्रबंधक शैलेन्द्र कुमार सिंह के कुशल मार्गदर्शन एवं प्रमुख मुख्य विघुत अभियंता के निर्देशन और तीनों मण्डलों के मंडल रेल प्रबंधक तथा अन्य अधिकारियों एवं विघुत विभाग के कर्मचारियों द्वारा ऊर्जा बचत के लिए कारगर उपाय किये गये है.
पमरे ने सभी 285 स्टेशनों पर शत-प्रतिशत एलईडी लाईट लगा दिया गया है. इसके साथ ही रेलवे कालोनियों एवं रेलवे कार्यालयों में भी एलईडी लाइट का उपयोग किया जा रहा है. एलईडी लाइट के उपयोग के कारण 2020-21 में 54.22 लाख यूनिट की बचत हुई है. साथ ही साथ पमरे के 31 प्रमुख स्टेशनों पर सिग्नल प्रणाली पर आधारित स्वचलित प्लेटफार्म लाईट नियंत्रक सिस्टम लगाया गया है. उल्लेखनीय हैं कि जैसे ही गाड़ी प्लेटफार्म पर पहुंचेगी प्लेटफार्म की शत-प्रतिशत लाइटें चालू हो जायेंगी और गाड़ी के रुकने तक प्लेटफार्म की सभी 100 प्रतिशत लाइटें चालू रहेंगी. गाड़ी जैसे ही प्लेटफार्म को पार करेंगे 70 प्रतिशत लाइट बंद हो जायेंगी एवं यात्री सुविधा एवं सुरक्षा की दृष्टि से आवश्यक 30 प्रतिशत लाइटें चालू रहेगी. इस प्रणाली को अपनाने से स्टेशनों में 2.24 लाख यूनिट की बचत हुई है. प्लेटफार्म लाइटिंग को सिग्नल सप्लाई से नियंत्रित करने के लिए यह प्रणाली बहुत ही विश्वसनीय है. पमरे पर 60 ऐसे स्टेशनों को विकसित किया गया है जहाँ एलईडी लाइट लगाकर एयरपोर्ट स्तर की लाईटिंग की जा रही है यानी एयरपोर्ट के तर्ज का इल्लुमिनेशन लक्स लेवल दिया जा रहा है.
पश्चिम मध्य रेल ने ऊर्जा संरक्षण के लिए ऊर्जा न्यूट्रल स्टेशनों की स्थापना की गई. जबलपुर स्टेशन पर 01 मेगा किलो वाट्स का सोलर प्लांट स्थापित कर 100 प्रतिशत ऊर्जा की सप्लाई रेन्युएबल सौर ऊर्जा से की जा रही है. कुछ घाट स्टेशन पर जहाँ बिजली नहीं पहुँच पाती है, वहाँ स्टेशन पर ऊर्जा न्यूट्रल प्रणाली के तहत सोलर प्लांट लगाकर 100 प्रतिशत ऊर्जा की बचत की जा रही हैं . बीना-कटनी रेल खण्ड के रतनगांव घाट स्टेशन पर 05 केडब्लूएच का सोलर प्लांट लगाकर शत प्रतिशत ऊर्जा की खपत को बचाया है. भोपाल मण्डल के शिवपुरी स्टेशन पर 2.5 केडबलू का विंड हाइब्रिड सिस्टम का प्लांट लगाकर ऊर्जा का इस्तेमाल किया जा रहा है और ऊर्जा के संरक्षण में नया कदम बढ़ाया है. साथ ही साथ 09 सौर्य ऊर्जा से चलित सबमर्सिबल पंप 18 एचपी के लगाये गये हैं, जिससे पानी की आपूर्ति रेलवे कालोनियों एवं स्टेशनों पर की जा रही है.
पश्चिम मध्य रेल ने वर्ष 2020-21 में 1.44 मेगावाट के रूफ टॉफ़ सोलर प्लांट स्थापित किये हैं जिसमें कुल 06 मेगा किलो वाट्स का रूफ टॉफ़ सोलर पावर प्लांट स्थापित किया जा चुका है. इस प्रणाली से 45.5 लाख यूनिट की ऊर्जा बचत हुई. इस प्रकार पश्चिम मध्य रेल ने साल भर में लगभग 01 करोड़ यूनिट की बचत करके उर्जा संरक्षण के क्षेत्र में बेहतर उपलब्धि हासिल की है. जिसकी लगभग कीमत रुपये 8.5 करोड़ है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एमपी के जबलपुर, भोपाल, इंदौर में फिर बढऩे लगी कोरोना संक्रमितों की संख्या..!
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