नई दिल्ली. जम्मू एयरबेस पर 27 जून को ड्रोन हमले के बाद रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायु सेना के लिए 10 काउंटर मानव रहित एयरक्राफ्ट सिस्टम (सीयूएएस) हासिल करने के लिए रिक्वेस्ट फॉर इंफॉर्मेशन (आरएफआई) जारी किया है.
आरएफआई के अनुसार केवल भारतीय ओरिजनल उपकरण निर्माता ही इसमें भाग ले सकते हैं. इसमें सिस्टम की डिलीवरी के बारे में कहा गया है कि अनुबंध पर हस्ताक्षर करने के बाद जल्द से जल्द सीयूएएस की डिलीवरी शुरू की जाएगी और 12 महीने के भीतर पूरी सप्लाई देनी होगी.
आरएफआई में यह भी बताया गया है कि ड्रोन में क्या-क्या खूबियां होनी चाहिए. इसके मुताबिक सीयूएएस मल्टी सेंसर, मल्टी किल सॉल्यूशन होना चाहिए. इसे ऑपरेटर के लिए एक समग्र एयर सिचुएशनल पिक्चर और यूजर के मापदंडों के आधार पर अलर्ट जनरेट करना चाहिए.
सिस्टम में यूएवी का पता लगाने के लिए रडार ,रेडियो फ्रीक्वेंसी सेंसर (यूएवी फ्रीक्वेंसी का पता लगाने के लिए) और एक इलेक्ट्रो ऑप्टिकल और इंफ्रारेड सिस्टम विरोधी यूएवी का पता लगाने और ट्रेस करने के लिए होना चाहिए. इसमें सॉफ्ट किल ऑप्शन होना चाहिए, जिसमें ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट जैमर सिस्टम और आरएफ जैमर और हार्ड किल ऑप्शन (लेजर-डीईडब्ल्यू) शामिल हो सकते हैं.
सिस्टम में वाहन से इंटीग्रल पावर सॉल्यूशन और रूफ टॉप या ओपन ग्राउंड पर माउंटिंग सहित सभी सब सिस्टम को डिसमाउंट करने का भी प्रावधान होना चाहिए. इच्छुक वेंडरों को जुलाई माह के भीतर ही बोली जमा करनी होगी. सभी स्तरों से मंजूरी के बाद एक कॉन्ट्रैक्ट नेगोशिएशन कमेटी न्यूनतम कॉस्ट बिडर(एल 1) तय करेगी और फिर कॉन्ट्रैक्ट किया जाएगा. गौरतलब है कि जम्मू एयरबेस पर ड्रोन हमले के बाद निगरानी सिस्टम को हाईटेक और मजबूत बनाया जा रहा है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-कोरोना की गाइडलाइन का उल्लंघन करने पर दिल्ली का लाजपत नगर मार्केट अनिश्चितकाल के लिए बंद
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