जबलपुर. मध्य प्रदेश में नया बिजली टैरिफ जारी होने के बाद प्रदेश के किसानों द्वारा दर्ज कराई गई आपत्तियों पर मप्र विद्युत नियामक आयोग ने मंगलवार को वर्चुअल माध्यम से जनसुनवाई की. वर्चुअल मीटिंग में प्रदेश के किसानों की ओर से भारत कृषक समाज के महाकौशल जोन, मध्य प्रदेश के अध्यक्ष केके अग्रवाल ने किसानों का पक्ष दृढ़ता से रखा. केके अग्रवाल ने किसानों की आपत्ति में उल्लेखित 30 बिंदुओं पर विस्तार से विचार रखते हुए कहा कि जब तक किसानों को पर्याप्त मात्रा में, सही गुणवत्ता की बिजली, निर्बाध रूप से देने की क्षमता और संरचना विद्युत कंपनी विकसित नहीं कर लेती, तब तक उनके बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर विचार न किया जाए. उन्होंने कहा कि अभी इस प्रस्ताव को निरस्त करने के पर्याप्त कारण मौजूद है, नियामक आयोग संज्ञान में लेकर विद्युत कंपनी को दिशा निर्देश जारी करे.
आयोग के अध्यक्ष सूर्यप्रताप सिंह परिहार, सदस्य मुकुल धारीवाल, सदस्य शशि भूषण पाठक ने माना कि किसानों के लिए दी जानी वाली बिजली अपर्याप्त है, तथा गुणवत्ता में सुधार की जरूरत है. अन्य समस्यायों को भी उन्होंने संज्ञान में लिया तथा आश्वस्त किया कि तत्संबंध में विद्युत कंपनी को दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे. युवा किसानों के संगठन किसान सेवा सेना की ओर से जितेंद्र देसी द्वारा प्रस्तुत आपत्ति को आयोग ने गौर से सुना और इस पर भी संज्ञान लिया है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पंजाब के सबसे बड़े पावर प्लांट की दूसरी यूनिट भी ठप, 660 मेगावाट और घटा बिजली उत्पादन
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