पलपल संवाददाता, उज्जैन. मध्यप्रदेश के उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर में 11वीं शताब्दी के मंदिर, मूर्तियां मिलने के बाद अब खुदाई के दौरान नर कंकाल व हड्डियां मिली हैं. नरकंकाल मिलने से काम में लगे श्रमिकों में हड़कम्प मच गया. मंदिर के विस्तारीकरण के लिए यहां भोपाल पुरातत्व विभाग की देखरेख में खुदाई कार्य चल रहा है, हालांकि एक्सपर्ट का मानना है कि यह कोई नई बात नहीं है. फिर भी इसकी जांच करानी चाहिए. मंदिर के मुख्य पुजारी का कहना है कि अग्र भाग में साधु-संत रहते थे, संभवत: उनकी भी हड्डियां हो सकती हैं.
बताया जाता है कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत महाकाल मंदिर का विस्तारीकरण किया जा रहा है, मई के महीने में शुरु हुई खुदाई में पहले छोटी-छोटी मूर्तिया व कुछ दीवारों का पता, मूर्तियों के बारे में कहा गया कि यह अति प्राचीन है, कलेक्टर ने भोपाल पुरातत्व विभाग की टीम को बुलवाकर उन्ही की देखरेख में खुदाई कराई, धीरे धीरे चल रही खुदाई में परमार कालीन समय में बनवाई मूर्तियों के अलावा एक हजार वर्ष पुराना मंदिर का ढांचा मिला, इसके बाद जैसे जैसे खुदाई आगे बढ़ रही है कई चौकाने वाले रहस्य सामने आ रहे है, अब खुदाई में नरकंकाल व हड्डियां निकली है, जिसे देख कार्य में जुटे श्रमिकों में दहशत व्याप्त है. हालांक विशेषज्ञों का कहना है कि खुदाई में नरकंकाल व हड्डियां मिलना सामान्य है, ऐसा भी कहा जा रहा है कि जब मुगलों ने जब मंदिरों पर हमला कर लूटपाट की थी उसके प्रमाण भी इन मंदिरों में मिल रहे है, तो उस वक्त मुगलों ने नरसंहार भी किए थे, यह प्राचीन नरकंकाल व मानव हड्डियां उन नरसंहारों का प्रमाण तो नहीं है, इसका प्रमाण भी जांच के बाद ही पता चल सकेगा. मंदिर में वर्ष 2012-2013 में कुम्भ पर्व को लेकर मंदिर में बनाई जा रही टनल की खुदाई के दौरान भी तीन नरकंकाल मिले थे, उस दौरान कु म्भ पर्व के चलते कार्यो में नरकंकाल का मामला दब गया था.
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत महाकाल मंदिर विस्तारीकरण किया जा रहा है. मई माह से हुई खुदाई की शुरुआत में पहले छोटी.छोटी मूर्तियां और कुछ दीवारें मिलीं. पता चलाए ये मूर्तियां अति प्राचीन हैंए तो कलेक्टर ने भोपाल पुरातत्व विभाग की टीम को बुलवाया. उन्हीं की देखरेख में खुदाई करवाई गई. धीरे.धीरे खुदाई में परमार कालीन समय में बनवाई गई अलग.अलग मूर्तियां और करीब 1000 वर्ष पुराना मंदिर का ढांचा मिला. अब जैसे.जैसे खुदाई होती जा रही हैए कई चौंकाने वाले रहस्य सामने आ रहे हैं. वहीं मंदिर के मुख्य पुजारी महेश पुजारी ने कहा कि नर कंकाल मिलना रिसर्च का विषय है. संभवत: अग्र भाग में पहले कई साधु-संत रहते थे. उस दौरान संतों की समाधि होती थी. ये भी हो सकता है कि कंकाल या हड्डियां उन्हीं साधु-संतों की हों.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-मध्यप्रदेश में दो चरणों में होगे नगरीय निकाय, तीन चरणों में होगें पंचायत चुनाव, देखें वीडियो
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