खुद की कुंडली के अनुसार हो वास्तु

खुद की कुंडली के अनुसार हो वास्तु

प्रेषित समय :21:50:22 PM / Wed, Jul 28th, 2021

घर का वास्तु कैसा हो ये आपकी कुंडली के अनुसार ही होना चाहिए, परिवार के मुखिया के जैसे ग्रह योग होते है या परिवार के अन्य सदस्यों के जो ग्रह योग होते है उसके अनुसार ही अपने कमजोर और शक्तिशाली ग्रह योग समझकर घर का वास्तु होना चाहिये, हर किसी के लिए हर ग्रह एक जैसा फल नही देता है,किसी के लिए सूर्य अच्छा तो किसी के लिए वही अशुभ होता है,इन दो व्यक्तियों के लिए पूर्व और पश्चिम दिशा का वास्तु अलग अलग हो जायेगा, यदि किसी का शनि अच्छा हो तो पश्चिम दिशा ऐसे व्यक्ति के लिए लाभकारी होगी,यदि किसी व्यक्ति की कुंडली मे मंगल अनुकूल हो और तीन छह या राज्य स्थान मै बैठा हो तो daxin दिशा (South) दिशा भी ऐसे व्यक्ति के लिए लाभकारी होगी.

*परिवार के सभी लोगो की कुंडली देखे*-परिवार मे सभी लोगो खासकर जिसके नाम से मकान हो उनकी कुंडली के ग्रह योग वास्तु के निर्धारण मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है,जो बच्चे जिनका गंतव्य नौकरी के बाद कही और होने वाला है उनके ग्रह योग ग्रह वास्तु मे महत्वपूर्ण नही, मेरे अनुसार घर के पिता उसके बाद माता दादा दादी की कुंडली सही वास्तु निर्धारण मे सही भूमिका निभा सकती है, क्योकि ये ही पैत्रिक और मालिकाना हक के हिसाब से भी पुरी तरह उस मकान के स्वामी होते है, आइये देखते है ग्रह स्वामी की कुंडली के अनुसार कैसा होना चाहिए वास्तु.

*ग्रह स्वामी का सूर्य शुभ और अशुभ*- यदि ग्रह स्वामी का सूर्य शुभ हो तो परिवार के पूर्व मुखी मकान मे सुखी रहेगा, वही सूर्य अशुभ होने पर यही दिशा आपको कई तरह की तकलीफ देगी.

*चंद्र शुभ या अशुभ*-जब ग्रह स्वामी का चंद्र शुभ हो तो ऐसे व्यक्ति को उत्तर या ईशान दिशा का मकान शुभ होगा, वही चंद्र की अशुभता ऐसी दिशा ने तकलीफ का कारण होगी.

*मंगल शुभ या अशुभ*-जब ग्रह स्वामी का मंगल शुभ होगा तो ऐसे व्यक्ति को South दिशा भी शुभ फल दायक, रोजगार देने वाली होगी, वही मंगल की अशुभता ऐसी दिशा मे झगड़े, कलह तथा अन्य विवाद दे सकती है.

*बुध की शुभता और अशुभता*-बुध कुंडली मे शुभ हो तो जातक को पूर्वोत्तर की दिशा अति शुभ होगी,जबकि अशुभ बुध ग्रह जातक के जीवन मे कई तरह की परेशानी पैदा करता है.

*गुरु की शुभता और अशुभता*-गुरु ग्रह की शुभता जातक को जीवन मे सभी तरह की शुभता प्रदान करती है,ग्रह स्वामी की कुंडली मे यदि गुरु अति शुभ हो, बैठक अच्छी हो तो इशान या उत्तर दिशा का मकान अति शुभ होगा, अशुभ गुरु ऐसे मकान मे संतान कस्ट आर्थिक कस्ट आदि दे सकता है.

*शुक्र ग्रह की शुभता और अशुभता*- यदि  शुक्र ग्रह  शुभ हो तो आग्नेय कोण वाला मकान भी शुभ फल देता है, इस दिशा मे ढ़ाबा, रेस्टारेंट भी शुभ फल प्रदाता होता है,वही अशुभ शुक्र हो तो घर की महिलाओ को तकलीफ झेलनी पड़ती है.

*शनि की शुभता और अशुभता*-यदि कुंडली मे शनि शुभ हो तो पश्चिम दिशा का मकान आपके लिए शुभ होगा वही अशुभता होने पर यही दिशा कई प्रकार के कस्टों को जन्म देती है..

पंडित चंद्रशेखर नेमा" हिमांशु 
9893280184,7000460931

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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