नई दिल्ली. सीमा विवाद को लेकर असम और मिजोरम के बीच चल रहे तनाव को कम करने की कवायद रंग लाने लगी है. दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने कहा है कि वो बातचीत के जरिए मुद्दा सुलझाएंगे. मिजोरम के सीएम जोरामथांगा ने असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्व शर्मा और गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर बातचीत के बाद कहा कि दोनों राज्यों के बीच जो भी विवाद है उसे बातचीत और मैत्रीपूर्ण रवैये के साथ सुलझा लिया जाएगा.
जोरामथांगा ने मिजोरम के लोगों से अपील की है कि वो सोशल मीडिया पर कोई भी ऐसा पोस्ट ना डालें, जिससे हालात खराब हों. जोरामथांगा के बयान का असम के सीएम हेमंत बिस्व शर्मा ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि बॉर्डर पर शांति के लिए हर मुमकिन कोशिश की जाएगी.
गृहमंत्री अमित शाह के साथ रविवार को बातचीत के बाद मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथंगा ने कहा कि फोन कॉल के दौरान फैसला किया गया कि सीमा विवाद का सौहार्दपूर्ण तरीके से सार्थक संवाद के जरिये समाधान किया जाए. उन्होंने ट्वीट किया, फोन पर केंद्रीय गृहमंत्री और असम के मुख्यमंत्री से हुई बात के मुताबिक, हम मिजोरम-असम सीमा विवाद को सौहार्दपूर्ण माहौल में सार्थक वार्ता के जरिये सुलझाने पर सहमत हुए हैं.
हेमंत बिस्व शर्मा ने ट्वीट करके जानकारी दी कि उन्होंने असम पुलिस को निर्देश दिया है कि मिजोरम से राज्यसभा सांसद के. वनलालवेना के खिलाफ दर्ज एफआईआर वापस लिया जाए. लेकिन हिंसा मामले में जिन पुलिसवालों के खिलाफ केस दर्ज है, उन पर मुकदमा चलता रहेगा.
हेमंत बिस्व शर्मा ने लिखा, मैंने माननीय मुख्यमंत्री जोरामथांगा द्वारा मीडिया में दिए गए बयानों को देखा है. जिसमें उन्होंने सीमा विवाद को सौहार्दपूर्ण ढंग से निपटाने की इच्छा व्यक्त की है. असम हमेशा उत्तर पूर्व की भावना को जीवित रखना चाहता है. हम अपनी सीमाओं पर शांति सुनिश्चित करने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं. इसी सद्भावना भाव को आगे बढ़ाने के लिए मैंने असम पुलिस को राज्यसभा सांसद के. वनलालवेना के खिलाफ प्राथमिकी वापस लेने के लिए निर्देश दिया है. हालांकि अन्य आरोपी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मामले को आगे बढ़ाया जाएगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-मिजोरम पुलिस ने असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा के खिलाफ दर्ज की एफआईआर
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