प्रदीप द्विवेदीः 2024 से पहले तो, दो बड़े पाॅलिटिकल एक्जाम पास करने होंगे विपक्ष को?

प्रदीप द्विवेदीः 2024 से पहले तो, दो बड़े पाॅलिटिकल एक्जाम पास करने होंगे विपक्ष को?

प्रेषित समय :06:47:12 AM / Tue, Aug 3rd, 2021

न्यूज-व्यूज. लोकसभा चुनाव 2024 से पहले ही, अभी से, विपक्ष ने तैयारी जरूर शुरू कर दी है, लेकिन इससे पहले दो बड़े पाॅलिटिकल एक्जाम पास करने होंगे, जिनमें विपक्षी एकता परखी जाएगी?

केंद्र में भले ही मोदी सरकार हो लेकिन बीजेपी का प्रमुख प्रभाव क्षेत्र पूरा देश नहीं, बल्कि उत्तर भारत के यूपी, गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश आदि करीब आधा दर्जन राज्य ही हैं, इसलिए यदि ये राज्य बीजेपी के हाथ से निकल गए, तो बीजेपी के लिए 2024 परेशानी का सबब बन सकता है. अगले साल पहले यूपी, फिर गुजरात और उसके अगले साल राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों में विधानसभा चुनाव होंगे.

इन राज्यों में विपक्ष की एकता पर ही बीजेपी की हार-जीत निर्भर है, मतलब- विपक्षी एकता की पहली परीक्षा इन विधानसभा चुनावों में होगी.

विपक्षी एकता की दूसरी बड़ी परीक्षा राष्ट्रपति के चुनाव में होगी. इस चुनाव में मोदी टीम की कोशिश किसी ऐसे व्यक्ति को राष्ट्रपति बनाने की होगी, जो उनके सियासी तौर-तरीकों से चल सके. यदि विपक्ष एकजुट होकर किसी अपने उम्मीदवार को जीत दिला सके तो ठीक, वरना नीतीश कुमार जैसे किसी ऐसे नेता का समर्थन करना चाहिए, जो राष्ट्रपति की प्रभावी भूमिका निभा सके? यदि ऐसा हुआ, तो न केवल मोदी सरकार की मनमानी पर ब्रेक लगेगा, बल्कि लोकतंत्र भी मजबूत होकर उभरेगा, क्योंकि तब रबर स्टाम्प जैसी इमेज से भी मुक्ति मिलेगी.

खबरें हैं कि पेगासस जासूसी मामले पर विपक्ष चर्चा और जांच की मांग को लेकर अड़ा है. विपक्षी दलों के हंगामे के कारण संसद की कार्यवाही ठप्प है, तो इसी बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार सुबह विपक्ष के नेताओं को चाय पर बुलाया है, जिसमें मोदी सरकार को घेरने और दबाव बनाने की रणनीति पर चर्चा होगी.

खबरों के अनुसार, राहुल गांधी ने कांस्टीट्यूशन क्लब में सुबह विपक्षी नेताओं को चाय पर बुलाया है, ताकि पेगासस मामले पर सरकार को आगे घेरने और दबाव बनाने की रणनीति पर चर्चा की जा सके.

खबरों पर भरोसा करें, तो इसमें द्रमुक, शिवसेना, राजद, वाम दल, तृणमूल कांग्रेस सहित कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है.

विपक्षी एकता को लेकर ममता बनर्जी, शरद पवार, राहुल गांधी आदि कई नेता सक्रिय जरूर हैं, लेकिन सियासी सयानों का मानना है कि विपक्षी एकता को कामयाबी तभी मिलेगी, जब नेता व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाओं को छोड़कर केवल विपक्षी एकता की जरूरत पर फोकस होंगे, वरना तो कोई चमत्कार ही विपक्ष को सफलता दिला सकता है! 

https://twitter.com/RahulGandhi

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

लोकसभा-राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित, कांग्रेस ने कहा- पेगासस पर हो चर्चा

लोकसभा में विपक्षी सांसदों ने उड़ाए पर्चे, लगाए खेला होबे के नारे, संसद में पेगासस कांड पर बवाल

सदन में जमकर हंगामा, लोकसभा की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित

मनीष तिवारी का दावा: लोकसभा में सीटों की संख्या बढ़ाकर 1000 कर सकती है मोदी सरकार

राजस्थान में बर्बाद नहीं हुई एक भी बूंद वैक्सीन, बिहार में सबसे ज़्यादा बर्बादी: लोकसभा में सरकार का जवाब

विपक्ष के हंगामे के बीच राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे और लोकसभा की 2 बजे तक स्थगित

Leave a Reply