हिसार. दिल्ली-हिसार हाइवे पर रामायण टोल प्लाजा पर आन्दोलनरत किसान मंगलवार को गलती से अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को काले झंडे दिखाते हुए विरोध कर दिया. काफिला गुजर जाने के बाद किसानों को पता चला कि ये काफिला तो सुखबीर सिंह बादल का था, जिसके बाद किसानों ने अफसोस हुआ.
दरअसल, किसानों ने जेड सिक्युरिटी में गुजर रहे नेता को सत्ता पक्ष का नेता समझ लिया. बता दें कि अकाली दल ने भाजपा सरकार ने अपना समर्थन बीते वर्ष किसानों के समर्थन के चलते वापिस ले लिया था. अकाली दल द्वारा किसानों की मांगों का समर्थन किया जा रहा है. मंगलवार को सुबीर सिंह बादल सुरक्षा के साथ पंजाब से दिल्ली जा रहे थे.
रामायण टोल प्लाजा पर बैठे किसानों ने जैसे ही पुलिस सुरक्षा के बीच काफिले को आते देखा तो वह काले झंडे लेकर विरोध करने लगे. जेड सुरक्षा में चलने वाले सुखबीर सिंह बादल के सुरक्षा कर्मियों ने काफिले को किसानों के बीच से निकाल लिया. आखिर कुछ देर बाद किसानों को सूचना मिली की काफिले में तो अकाली दल के नेता थे और अकाली दल ने तो किसानों की मांगों के समर्थन भी किया है.
किसान बोले- गलती हुई
इसके बाद टोल प्लाजा पर मोर्चा संभाल रहे किसान नेताओं ने सार्वजनिक तौर पर तो नहीं लेकिन अफसोस जाहिर करते हुए दिखे. किसान नेताओं ने माना कि उन्हें गलती से काले झंडे दिखाए गए. भारतीय किसान यूनियन के जिला युवा प्रधान कुलदीप खरड़ ने कहा कि किसानों से गलती हुई है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-प्रधानमंत्री मोदी ने जारी की किसान सम्मान निधि योजना की 9वीं किस्त
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