जबलपुर के सहा. आबकारी आयुक्त के रसूख के आगे बौने थे वरिष्ठ अधिकारी, कलेक्टर्स की अनुशंसा पर भी नहीं होती थी कार्रवाई

जबलपुर के सहा. आबकारी आयुक्त के रसूख के आगे बौने थे वरिष्ठ अधिकारी, कलेक्टर्स की अनुशंसा पर भी नहीं होती थी कार्रवाई

प्रेषित समय :18:11:09 PM / Sat, Aug 14th, 2021

जबलपुर. जिले के बहुचर्चित सहायक आबकारी आयुक्त एसएन दुबे के महंगी शराब बिकवाने के मामले में की कई सस्पेंशन की कार्रवाई के बाद अब उनके रसूख के नये-नये कारनामे सामने आ रहे हैं. बताते हैं कि एसएन दुबे का राजधानी भोपाल से लेकर आबकारी मुख्यालय के आला अधिकारियों तक इतना अधिक रौब था कि जबलपुर के पिछले सालों में चार कलेक्टरों ने दुबे की कारगुजारियों व गड़बड़झाले की रिपोर्ट तैयार कर कार्रवाई की अनुशंसा के साथ भोपाल भेजी थी, लेकिन कलेक्टर्स की अनुशंसा पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. 

सूत्रों के मुताबिक जबलपुर के सहायक आबकारी आयुक्त के पद पर पदस्थ रहे एसएन दुबे साम-दाम-दंड-भेद की नीति अपनाते हुए शराब माफियों के साथ मिलकर जबलपुर जिले में समानांतर आबकारी व्यवस्था तैयार करके काम कर रहे थे, जिससे जहां शासन को करोड़ों के राजस्व का नुकसान पहुंचता रहा, वहीं आम शराब उपभोक्ताओं को भी निर्धारित दरों से अधिक कीमत पर शराब बेची जा रही थी, जिससे ठेकेदारों के साथ-साथ आबकारी अधिकारियों  की तिजोरी भरी जा रही थी. 

आर्थिक अपराध व्यापक, लेकिन जांच ढुलमुल

जानकारों का मानना है कि सहायक आबकारी आयुक्त दुबे के जबलपुर के कार्यकाल की जांच यदि निष्पक्ष जांच एजेंसी ईओडबलू या लोकायुक्त से जांच कराई जाए तो करोड़ों रुपए के गड़़बड़झाला सामने आ सकता है.  विभागीय तौर पर अभी की गई कार्रवाई में आबकारी मुख्यालय द्वारा केवल सस्पेंड करके ग्वालियर अटैच किया गया है, जबकि व्यापक जांच समय की दरकार है. 

आला अधिकारी भी नहीं चाह रहे उच्च स्तरीय जांच

जानकारों की माने तो आबकारी विभाग के आला अधिकारी भी नहीं चाह रहे कि इस मामले की निष्पक्ष एजेंसी से जांच हो, क्योंकि यदि ऐसा होता है तो आबकारी विभाग में चला आ रहा करोड़ों-अरबों का खेल सार्वजनिक हो जायेगा और यह विभाग के अधिकारी नहीं चाहते. 

दुबे का जहां तबादला, वहां तिवारी का भी कराते थे ट्रांसफर

एसएन दुबे के बारे में सबसे प्रतिकूल टिप्पणी तत्कालीन कलेक्टर जबलपुर महेशचंद्र चौधरी ने 26 सितम्बर 2017 में की थी.  श्री चौधरी ने उस समय के प्रमुख सचिव वाणिज्य कर विभाग मनोज श्रीवास्तव को लिखे पत्र में कहा था कि श्री दुबे पूर्व में छिंदवाड़ा जिले में भी पदस्थ रहे, उनका तबादला जबलपुर हुआ तो उन्होंने अपने साथ सहायक जिला अधिकारी इन्द्रेश तिवारी का भी तबादला जबलपुर करा लिया, तिवारी के अनुचित सहयोग से उनके (एसएन दुबे) द्वारा अनुचित तरीके से आर्थिक लाभ लिया जाता रहा.  आश्चर्य की बात यह है कि कलेक्टर महेशचंद्र चौधरी के इस गंभीर लेटर पर भी कोई कार्रवाई मध्य प्रदेश शासन स्तर पर नही की गईं.  बाद में कुछ इसी तरह की प्रतिकूल टिप्पणी तत्कालीन कलेक्टर श्रीमती छवि भारद्वाज, कलेक्टर भरत द्वारा भी राज्य शासन से की गई, किंतु एसएन दुबे का रसूख कलेक्टर्स की मंशा पर भारी पड़ता रहा. 

इस मामले में अब हुई कार्रवाई

राज्य शासन ने जबलपुर जिले में स्थित देशी तथा विदेशी शराब की फुटकर विक्रय दुकानों से बेची जा रही शराब का निर्धारित अधिकतम मूल्य से अधिक मूल्य पर बेचे जाने के मामले को गंभीरता से लेते हुए जबलपुर जिले के सहायक आबकारी आयुक्त एसएन दुबे को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करते हुए उन्हें ग्वालियर अटैच करने का आदेश जारी किया है.  बताया जाता है कि शराब का निर्धारित अधिकतम विक्रय मूल्य से अधिक मूल्य पर विक्रय जाने के मामले की की जांच शासन द्वारा वाणिज्यिक कर आयुक्त मध्य प्रदेश इंदौर के माध्यम से करवाया गया.  वाणिज्यिक कर आयुक्त के निर्देश पर संभागीय उपायुक्त वाणिज्यिक कर जबलपुर संभाग-1 द्वारा अपने अधीनस्थ अधिकारियों के दल गठित किये जाकर उन्हें 30 जुलाई 2021 को जबलपुर में स्थित कुछ विदेशी दुकानों में तथा दिनांक 4 अगस्त 2021 को कुछ देशी मदिरा दुकानों में मदिरा क्रय करने हेतु भेजा गया.  

अधिकारियों के दलों द्वारा मदिरा दुकानों में मदिरा का खरीद मूल्य पूछा गया, जिस पर उन्हें संबंधित दुकानों द्वारा जो विक्रय मूल्य बताया गया, वह विदेशी मदिरा के 180 एमएल के क्वार्टर के लिए उनके निर्धारित अधिकतम विक्रय मूल्य से 10 रुपए से 40 रुपए तक अधिक तथा तथा देशी मदिरा के 180 एमएल के क्वार्टर के लिए उनके निर्धारित अधिकतम विक्रय मूल्य से 10 रुपए से 25 रुपए तक अधिक था.  जांच दलों के अधिकारियों द्वारा इन्हीं बताई गई कीमतों पर देशी तथा विदेशी मदिरा के 180 एमएल के क्वार्टर उनक दुकानों से खरीदे गये.  साथ ही जांच दल ने उक्त दुकानों के स्टाफ से की गई बातचीत तथा वीडियो रिर्काडिंग भी की गई. 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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