काबुल. अमेरिकी सेना ने काबुल हवाई अड्डे से आखिरी उड़ान भरने से पहले वहां मौजूद कई विमानों, बख्तरबंद गाडिय़ों और उच्च तकनीक वाले रॉकेट डिफेंस सिस्टम को निष्क्रिय कर दिया.
इसकी जानकारी अमेरिकी सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी है. अमेरिकी सेना के मध्य कमान के प्रमुख जनरल केनेथ मैकेंजी ने कहा कि हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहले से मौजूद 73 विमानों को अमेरिकी सैनिकों ने वहां से रवाना होने से पहले ही तकनीकी तौर पर बेकार कर दिया था. उन्होंने कहा कि ये विमान फिर कभी उड़ान नहीं भर सकेंगे, कोई भी अब इन विमानों का संचालन नहीं कर सकता है.
उन्होंने कहा कि पेंटागन ने 14 अगस्त को एयलिफ्ट अभियान शुरू करने के काबुल एयरपोर्ट पर 6 हजार सैनिकों के दस्ते को तैनात किया था और 70 बख्तरबंद गाडिय़ों को तैनात किया था. इन बख्तरबंद वाहनों को काबुल छोडऩे से पहले बेकार कर दिया गया. इन गाडिय़ों की कीमत करीब एक मिलियन डॉलर तक हो सकती है. मैकेंजी ने कहा कि वाहनों का इस्तेमाल फिर कभी किसी के द्वारा नहीं किया जा सकेगा.
आपको बता दें कि करीब 20 साल बाद अमेरिका ने अफगानिस्तान में अपना सैन्य अभियान खत्म कर दिया है. अफगानिस्तान से सैनिक वापसी की 31 अगस्त की डेडलाइन से पहले 30 अगस्त को ही अमेरिकी सैनिकों की आखिरी खेप ने काबुल एयरपोर्ट से उड़ान भरी. इसके बाद काबुल एयरपोर्ट पर तालिबान का नियंत्रण हो गया है.
अमेरिका के राष्ट्रपति बायडेन ने कहा, अब, अफगानिस्तान में 20 साल पुरानी हमारी सैन्य मौजूदगी समाप्त हो गयी है. उन्होंने अफगानिस्तान से समय-सीमा (31 अगस्त) के भीतर सैनिकों की सुरक्षित वापसी के लिये सशस्त्र बलों का धन्यवाद किया. बायडेन ने कहा कि वह मंगलवार को देश को संबोधित करंगे.
उन्होंने कहा, अभी के लिये, मैं इतना ही बताना चाहूंगा कि योजना के अनुसार हमारे अभियान को सम्पन्न करने के लिए जमीनी स्तर पर मौजूद सभी ज्वाइंट चीफ तथा हमारे सभी कमांडर ने सर्वसम्मति से सिफारिश की थी. उनका विचार था कि हमारे सैन्य अभियान को पूर्ण करना हमारे सैनिकों के जीवन की रक्षा और आने वाले हफ्तों तथा महीनों में अफगानिस्तान छोडऩे को इच्छुक लोगों की संभावनाओं को सुदृढ़ करने का सबसे बेहतर तरीका है.
राष्ट्रपति ने कहा कि उन्होंने विदेश मंत्री से अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों के साथ निरंतर समन्वय स्थापित करने को कहा है ताकि युद्धग्रस्त देश छोडऩे को इच्छुक किसी भी अमेरिकी, अफगान सहयोगियों और विदेशी नागरिकों के लिए सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित किया जा सके.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-काबुल में शहीद हुए 13 जवानों के शव पहुंचे अमेरिका, रिसीव करने खुद एयरपोर्ट पहुंचे राष्ट्रपति बाइडेन
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