नई दिल्ली/जबलपुर. केन्द्र सरकार द्वारा जो मोनेटाइजेशन पॉलिसी हाल ही में जारी की है, उसमें रेलवे पर सबसे अधिक नजरेें इनायत की गई है. मोनेटाइजेशन के तहत 400 रेलवे स्टेशन का होगा पुनर्विकास, प्राइवेट ऑपरेटर्स करेंगे 90 पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन किये जाने की योजना है. सरकार की इस योजना का आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन (एआईआरएफ) व वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन (डबलूसीआरईयू) ने जमकर प्रतिकार करते हुए जरूरत पडऩे पर आंदोलन करने की चेतावनी दी है.
एआईआरएफ/डबलूसीआरईयू ने किया है विरोध
इस संबंध में एआईआरएफ के असिस्टेंट जनरल सेक्रेट्री व डबलूसीआरईयू के महामंत्री मुकेश गालव ने कहा है कि एआईआरएफ केन्द्र सरकार के इस निर्णय का पुरजोर विरोध करती है. फेडरेशन इस संबंध में आंदोलन करेगी और रेलवे का काम निजी हाथों में जाने की बजाय रेल कर्मचारियों के माध्यम से ही हो, इसके लिए आरपार का संघर्ष भी करेगी. उन्होंने कहा कि पूर्व में सरकार ने 500 ट्रेनों को निजी हाथों में देने का निर्णय लिया था, किंतु बाद में उसे यह निर्णय एआईआरएफ के दबाव के बाद घटाकर 151 ट्रेन करना पड़ा और अब वह 90 ट्रेनों को निजी हाथों में देने पर आ गई है. एआईआरएफ चाहती है कि एक भी ट्रेन निजी हाथों में नहीं जाने पाए.
भारत सरकार यह बताए कि वह निजीकरण करने क्यों जा रही
श्री गालव ने कहा कि भारत सरकार उनके (फेडरेशन) के साथ बात करे और यह बताये कि आखिर बड़ी मेहनत-मशक्कत के बाद बनी इन राष्ट्रीय सम्पत्तियों का निजीकरण वह क्यों करने जा रही है. यदि कोई कमी मैन पावर की ओर से हो या इंफ्रास्ट्रक्चर की, उसे सुधारने का काम किया जा सकता है. बगैर हमसे (फेडरेशन) से वार्ता किये, इस योजना को अमल में नहीं लाने दिया जाएगा, चाहे इसके लिए कितना बड़ा मूवमेंट क्यों न करना पड़े.
केेंद्र सरकार की यह है योजना
उल्लेखनीय है कि केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो मौद्रिकरण संपदा नीति का ऐलान किया है, उसके मुताबिक अगले चार वर्षों में 400 रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास होगा और 90 पैसेंजर ट्रेन का संचालन निजी आपरेटर्स करने लगेंगे. वहीं, 1,400 किलोमीटर के ट्रैक का विकास भी निजी कंपनियां करेंगी. इसके अलावा पहाड़ी इलाके के रेलवे, डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर और रेलवे कालोनी के पुनर्विकास का काम भी संपदा मौद्रीकरण के तहत किया जाएगा. वित्त वर्ष 2021-22 से लेकर वित्त वर्ष 2024-25 तक 1,52,496 करोड़ रुपये मूल्य की रेलवे संपदा के मौद्रीकरण का लक्ष्य रखा गया है. चालू वित्त वर्ष 2021-22 में 17,810 करोड़ रुपये मूल्य की संपदा का ही मौद्रीकरण होगा. चालू वित्त वर्ष में सिर्फ रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास, पहाड़ी रेलवे का निजी संचालन और रेलवे कालोनियों का पुनर्विकास कराया जाएगा. संपदा मौद्रीकरण का पूरा खाका नीति आयोग ने तैयार किया है जिसे हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया था.
90 निजी ट्रेन का संचालन
नीति आयोग के मुताबिक रेलवे में 150 पैसेंजर ट्रेन का संचालन निजी हाथों में सौंपने के लिए पहले से ही टेंडर प्रक्रिया चल रही है. इनमें से 90 ट्रेन का संचालन संपदा मौद्रीकरण स्कीम के तहत वित्त वर्ष 2022-23 से लेकर 2024-25 में शुरू हो जाएगा. निजी रूप से चलने वाले ट्रेन की टेंडर प्रक्रिया को चालू वित्त वर्ष में अंतिम रूप दिया जाएगा. 150 निजी पैसेंजर ट्रेन का संचालन के लिए 12 क्लस्टर का चयन किया गया है. इनमें दिल्ली में दो क्लस्टर, मुंबई में दो तथा जयपुर, पटना, हावड़ा, प्रयागराज, चंडीगढ़, बंगलुरु, चेन्नई, सिकंदराबाद में एक-एक शामिल हैं. इन जगहों से अगले चार वर्षो में 90 निजी पैसेंजर ट्रेन चलने लगेंगी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जबलपुर में हिस्ट्रीशीटर अब्दुल रज्जाक के गुर्गे भूमिगत..!
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