प्रदीप द्विवेदी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आविष्कारों का जवाब नहीं, कुछ समय पहले ही उन्होंने दूरी नापने का एक नया पैमाना तलाशा था, उन्होंने कहा था कि सरकार किसानों से बातचीत का सिलसिला ख़त्म नहीं करना चाहती है. उनका ये भी कहना था कि वो किसानों की बात सुनने के लिए सिर्फ एक फोन कॉल की दूरी पर हैं?
अब आज तक कई वैज्ञानिकों को भी समझ में नहीं आया कि एक फोन कॉल की दूरी में कितने किलोमीटर होते हैं? या एक फोन कॉल की दूरी तय करने में कितना समय लगता है?
वैसे, एक फोन कॉल की दूरी, कृषि कानून हैं जरूरी, की तर्ज पर कीर्तिमान कायम कर रहे पीएम मोदी की किसानों को लेकर जो सोच है उसके मद्देनजर विभाकर शास्त्री @VShastri_INC ने ट्वीट किया- एक तरफ देश के पूर्व प्रधानमंत्री व मेरे दादाजी स्वर्गीय लाल बहादुर शास्त्रीजी थे जो किसानों से लगातार संपर्क व संवाद रखते थे और एक तरफ आज के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी हैं?
यही फर्क है- कांग्रेस और बीजेपी में.... जय जवान, जय किसान!
सियासी सयानों का मानना है कि यदि समय रहते एक फोन कॉल की दूरी खत्म नहीं हुई, तो 2024 में एक वोट की दूरी तय करने में साहेब को पसीने आ जाएंगे?
https://twitter.com/VShastri_INC/status/1435450820540059650
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एक तरफ देश के पूर्व प्रधानमंत्री व मेरे दादा जी स्व• लाल बहादुर शास्त्री जी थे जो किसानों से लगातार संपर्क व संवाद रखते थे और एक तरफ आज के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी है।
— Vibhakar Shastri (@VShastri_INC) September 8, 2021
यही फर्क है @INCIndia और @BJP4India में।
जय जवान ,जय किसान ! pic.twitter.com/fdx22GP5OZ
मोदीजी! जहां जनता की आजादी नहीं जुड़ी है, उसे भले ही बेच दो, लेकिन...
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काश! मोदीजी ने पटेल को पढ़ा होता, माही परियोजना को देखा होता, विनोबा को समझा होता....
दैनिक भास्कर और भारत समाचार को तो मोदीजी का आभारी होना चाहिए?
रविंद्र गौतम का सवाल- मोदीजी के छापे 'इन' संस्थानों पर क्यों नहीं पड़ते?
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