अमेरिका-ऑस्ट्रेलिया परमाणु पनडुब्बी डील पर बढ़ा विवाद, फ्रांस ने दोनों देशों से अपने राजदूत वापस बुलाए

अमेरिका-ऑस्ट्रेलिया परमाणु पनडुब्बी डील पर बढ़ा विवाद, फ्रांस ने दोनों देशों से अपने राजदूत वापस बुलाए

प्रेषित समय :09:30:10 AM / Sat, Sep 18th, 2021

पेरिस. अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के बीच हुए नए सैन्य समझौते को लेकर फ्रांस काफी ज्‍यादा गुस्‍से में है. ऑकस समझौते से नाराज फ्रांस ने कूटनीतिक तरीके से अब अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया से अपने राजदूतों को वापस बुला लिया है. बता दें कि AUKUS समझौते ने फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया के बीच 43 अरब डॉलर के समझौते को खत्म कर दिया है. AUKUS समझौते से नाराज फ्रांस ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन पर पीठ में छुरा भोंकने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह पूर्व राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप की तरह व्यवहार कर रहे हैं.

ऐसा पहली बार नहीं है जब फ्रांस और अमेरिका के बीच किसी मुद्दे को लेकर मतभेद हुए हों. कई वैश्विक मामलों से लेकर साल 2003 में इराक युद्ध के समय भी दोनों देशों के बीच इसी तरह के मतभेद देखने को मिल चुके हैं. कई बार दोनों देशों के बीच हुए मतभेद के बावजूद कभी भी पेरिस ने वॉशिंगटन से अपने राजदूतों को वापस नहीं बुलाया था. फ्रांस की नाराजगी को देखते हुए अभी ये अनुमान लगाना मुश्किल है क‍ि अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में राजदूत की वापसी कब होगी.

फ्रांसीसी अधिकारियों ने इस सप्ताह वॉशिंगटन और बाल्टीमोर में फ्रांस-अमेरिकी संबंधों का जश्न मनाने के लिए आयोजित एक समारोह को पहले ही रद्द कर दिया है. फ्रांस कूटनीतिक तरीके से अभी और किस तरह के कदम उठाएगा इसके बारे में तो जानकारी नहीं मिली है लेकिन फ्रांस ने जिस तरह से अपने राजदूतों को अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया से बुलाया है उससे स्‍पष्‍ट है कि फ्रांस आसानी से इस मामले को भूलने वाला नहीं है.

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के साथ गुरुवार को एक समझौते का ऐलान किया था जिसके तहत ऑस्ट्रेलिया में एक परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बी बनाने का भी प्रस्ताव है. बता दें कि AUKUS ने फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया के बीच 43 अरब डॉलर के समझौते को भी खत्म कर दिया है. इस समझौते के जरिए फ्रांस ऑस्ट्रेलिया को 12 परमाणु शक्ति से संचालित पनडुब्बियां देने वाला था. 2019 में हुई इस डील को फ्रांस से सदी का समझौता बताकर जश्न मनाया गया था. वहीं अब फ्रांसीसी विदेश मंत्री जीन-यवेस ले ड्रियन ने इसे पीठ में छुरा घोंपने के जैसा बताया है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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