जबलपुर. वेस्ट-सेन्ट्रल रेलवे मजदूर संघ (डबलूसीआरएमएस) में कब्जे को लेकर चल रहा विवाद शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. इस मामले में एक नया खुलासा सामने आया है, जिसमें रेल कर्मचारियों से जो चंदा लिया जाता है, उसमें से 70 लाख रुपए पिछले 20 दिनों में संघ के खाते से निकाले गये हैं. इतनी बड़ी राशि कहां खर्च की गई है, इसकी खोजबीन में डॉ. आरपी भटनागर गुट लग गया है और इसका बैंक स्टेटमेंट भी निकाले जाने की खबर है.
माना जा रहा है कि पमरे मजदूर संघ में जो विवाद चल रहा है, उसके पीछे जो ठोस कारण है, वह है पावर व मनी. कर्मचारियों के बीच अपना रसूख कायम रहे, इसके लिए सारी कवायद है, वहीं रेल कर्मचारियों से साल में दो बार दशहरा बोनस व वर्ष की शुरुआत में सदस्यता शुल्क के नाम से जो 1-1 हजार (कुल 2 हजार रुपए) का चंदा लिया जाता है, वह तीनों मंडलों जबलपुर, भोपाल व कोटा में करोड़ों रुपए होते हैं. इस मोटी रकम पर भी कुछ लोगों की नजर है. यही विवाद का प्रमुख कारण बनकर सामने आ रहा है.
70 लाख रुपए निकालने की एफआईआर कराने की तैयारी
रेल सूत्रों के मुताबिक डॉ. आरपी भटनागर गुट द्वारा पमरे मजदूर संघ के बैंक खाते की स्टेटमेंट निकलवाई गई है. जिसमें लगभग 70 लाख रुपए पिछले 20 दिनों में अलग-अलग तारीखों में विड्रा किये गये हैं. संघ के इस खाते से जिन लोगों ने इतनी मोटी राशि निकलवाई है, उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाये जाने पर विचार-मंथन चल रहा है. डॉ. भटनागर गुट का मानना है कि इस राशि का खर्च अशोक शर्मा गुट अपने लोगों को जबलपुर के एक महंगे होटल में ठहरवाने, उनके खाने-पीने में खर्च रहा है, जबकि इस राशि का उपयोग कर्मचारियों के वेलफेयर में होना चाहिए था.
डॉ. भटनागर, डीआरएम से मिले
वहीं दूसरी तरफ डॉ. आरपी भटनागर आज सोमवार को जबलपुर मंडल रेल प्रबंधक से मिले और उन्हें पूरे घटनाक्रम से अवगत कराते हुए अशोक शर्मा द्वारा बुलाई गई कार्यकारिणी को फेक बताया और कहा कि कार्यकारिणी की बैठक विधि सम्मत नहीं है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-
Leave a Reply