चंडीगढ़. सीमावर्ती राज्य में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने के केंद्र के कदम का विरोध करते हुए पंजाब मंत्रिमंडल ने बुधवार को कहा कि कानून-व्यवस्था राज्य का विषय है और पुलिस बल किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सक्षम है.
केंद्र सरकार ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) कानून में संशोधन कर इसे पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा से मौजूदा 15 किलोमीटर की जगह 50 किलोमीटर के बड़े क्षेत्र में तलाशी लेने, जब्ती करने और गिरफ्तार करने की शक्ति दे दी है.
मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री चरनजीत सिंह चन्नी ने कहा, हम इसके पूर्णत: खिलाफ हैं. कानून-व्यवस्था राज्य का विषय है. राज्य पुलिस, जो प्रदेश से आतंकवाद खत्म कर सकती है, वह किसी भी घटना को रोकने में सक्षम है.
इस कदम को अनुचित बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, हम इसका विरोध करते हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह का फैसला प्रदेश सरकार से परामर्श के बगैर नहीं लिया जाना चाहिए था. चन्नी ने कहा कि इस मुद्दे पर मंत्रिमंडल की एक विशेष बैठक बुलाई जाएगी. उन्होंने कहा, अगर जरूरत हुई तो एक सर्वदलीय बैठक बुलाई जाएगी. हम अन्य (राजनीतिक) दलों को भी (इस मुद्दे पर) साथ लेंगे. उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाएगा.
रविवार को शिरोमणि अकाली दल ने बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में विस्तार को लेकर पंजाब सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री को जवाब देना चाहिए कि उन्होंने केंद्र के कदम को 'क्यों चुपचाप स्वीकार कर लिया? प्रदेश सरकार ने पिछले हफ्ते केंद्र के इस फैसले पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इसे संघवाद पर हमला करार दिया था. सरकार ने केंद्र से फैसला वापस लेने की मांग की है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पंजाब में ऑनर किलिंग: लव मैरिज करने पर चाचा ने किया नवदंपति का कत्ल
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