पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर में भाजपा का पूर्व पार्षद नरेन्द्र वर्मा द्वारा एक फर्जी पत्रकार, आरपीएफ के आरक्षक व एक बिल्डर की गैंग बनाकर ट्रेनों से यात्रा करने वाले हवाला कारोबारियों व व्यापारियों को क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर लूटता था. पुलिस ने मामले में भाजपा के पूर्व पार्षद नरेन्द्र वर्मा को खंडवा से आई पुलिस की टीम ने पूर्व मंत्री अंचल सोनकर के घर से गिरफ्तार किया है, इस दौरान काफी हंगामा भी हुआ है.
बताया जाता है कि सुहागी अधारताल निवासी कृष्णकांत पिता गौतम प्रसाद पटेल की करमचंद चौक के पास इलेक्ट्रानिक्स की दुकान है, कृष्णकांत को कारोबार के सिलसिले में मुम्बई आते जाते रहे. 22 अक्टूबर को जब कृष्णकांत पांच लाख रुपए लेकर ट्रेन से मुम्बई जाने के लिए निकले, ट्रेन जब बुरहानपुर के रास्ते से गुजर रही थी, इस दौरान आरपीएफ के आरक्षक संदीप तिवारी व बिल्डर सौरभ शर्मा ने कृष्णकांत को उठाकर कहा कि वे क्राइम ब्रांच के अधिकारी है, इसके बाद बाथरुम के पास ले जाकर लूट लिया. इस मामले की शिकायत मिलने पर खंडवा पुलिस ने जांच की तो चार लोगों के नाम सामने आए, जिसपर पुलिस ने तीन आरोपियों को हिरासत में ले लिया, वहीं मुख्य आरोपी नरेन्द्र वर्मा की तलाश में जुटी रही, इस दौरान पता चला कि भाजपा का पूर्व पार्षद नरेन्द्र वर्मा गिरफ्तारी से बचने के लिए पूर्व मंत्री अंचल सोनकर के घर में छिपा है, जिसपर जीआरपी की टीम पहुंच गई, जहां पर काफी हंगामा हुआ लेकिन नरेन्द्र वर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया. चर्चाओं में यह बात सामने आई है कि नरेन्द्र वर्मा शुरु से पूर्व मंत्री अंचल सोनकर का काफी करीबी रहा है, उनकी ही सिफारिश के बाद पार्षद मनोनीत किया गया थ, इस घटना के बाद भाजपा नगर अध्यक्ष जीएस ठाकुर का कहना है कि पार्टी में ऐसे लोगों का कोई स्थान नहीं है.
मास्टर मांइड है भाजपा का पूर्व पार्षद-
पुलिस अधिकारियों की माने तो भाजपा का पूर्व पार्षद नरेन्द्र वर्मा ही इस पूरे खेल का मास्टर माइंड है, उसने की आरपीएफ के एक आरक्षक संदीप तिवारी, साधना न्यूज के सचिन राव व बिल्डर सौरभ शर्मा के साथ गैंग बनाई. नरेन्द्र वर्मा के इशारे पर सचिन राव रैकी करता, संदीप तिवारी व सौरभ शर्मा स्वयं को क्राइम ब्रांच का अधिकारी बनकर व्यापारियों के रुपए लूट लेते थे.
इस तरह से नहीं खुलता था राज-
बताया गया है कि गैंग अधिकतर उन कारोबारियों को निशाना बनाती रही जो हवाला का कारोबार करते है, क्योंकि वे रिपोर्ट भी नहीं करते रहे, इस तरह से गैंग सफल हो जाती रही, यह बात अलहदा है कि कृष्णकांत हवाला कारोबारी नही था, जिसने अपने परिचितों के कहने पर पुलिस से शिकायत कर दी और यह मामला सामने आ गया.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एमपी के जबलपुर की ईओडब्ल्यू-लोकायुक्त की टीम ने पकड़े दो रिश्वतखोर..! देखे वीडियो
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