ट्रेनों के एसी कोच मैकेनिक 22 से नहीं करेंगे काम, सामूहिक कामबंद का निर्णय, ACTL स्टाफ 6 दिनों से बैठा है भूख हड़ताल पर

ट्रेनों के एसी कोच मैकेनिक 22 से नहीं करेंगे काम, सामूहिक कामबंद का निर्णय, ACTL स्टाफ 6 दिनों से बैठा है भूख हड़ताल पर

प्रेषित समय :18:58:09 PM / Sat, Nov 20th, 2021

जबलपुर. वेस्ट सेंट्रल रेलवे के जबलपुर रेल मंडल के जबलपुर के एसी कोच मैकेनिक व ट्रेन लाइटिंग स्टाफ आगामी 22 नवम्बर से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है. यानी जबलपुर से प्रारंभ होने वाली हर ट्रेन के एसी कोच में कर्मचारी नहीं रहेंगे. यह निर्णय वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन (डबलूसीआरईयू) के तत्वावधान में कोचिंग काम्पलेक्स में पिछले 6 दिनों से चली आ  रही क्रमिक भूख हड़़ताल को रेल प्रशासन द्वारा गंभीरता से नहीं लेने के कारण लिया गया है.

इस संबंध में यूनियन के मंडल सचिव नवीन लिटोरिया ने बताया कि ए.सी. मैकेनिकों एवं ट्रेन लाइटिंग स्टाफ की लम्बित समस्याओं के निराकरण हेतु वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन ने मंडल प्रशासन को कई पत्र लिखा . हर फोरम पर बातचीत की, किन्तु मंडल प्रशासन की लापरवाही व उदासीनता के कारण कोई समाधान नहीं निकल पाया. अंतत: मजबूरन यूनियन के बैनर तले एसीटीएल कर्मचारी 15 नवम्बर से क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे हैं. साथ ही 22 नवम्बर से सामूहिक काम बंद करने का निर्णय लिया है. आज शनिवार 20 नवम्बर को सुबह 11 बजे मंडल सचिव का. नवीन लिटोरिया ने माला पहनाकर व जूस पिलाकर कल से भूख हड़ताल पर बैठे का. जितेन्द्र राय, का. सुनील नागवंशी, का. काशीराम गुर्जर को उठाया एवं आज दि . 20.11.2021 को का. संजय चौहान, का. अनिल जोशी, का. रिजवान को तिलक लगाकर व माला पहनाकर भूख हड़ताल पर बिठाया.

यह है कर्मचारियों की मांगेें

यूनियन के मंडल सचिव का. नवीन लिटोरिया ने बताया कि 10-11 एसी कोच वाली गाडिय़ों में एक ्रष्ट मेकेनिक से ड्यूटी करायी जा रही है, जबकि रेलवे बोर्ड ने 05 एसी कोच से ज्यादा होने पर 02 एसी मेकेनिक लगाने के स्पष्ट निर्देश दिये हैं. इसके अलावा पावर कार का मेन्टीनेंस, स्लीपर व जनरल कोचों मे आयी खराबी को भी ए.सी. कोच मैकेनिक से ही दबाव डालकर ठीक कराया जाता है. 50 से 60 घंटे की यात्रा के दौरान एसी कोच मैकेनिक को बैठने या लेटने के लिये सीट/बर्थ उपलब्ध न होने के कारण एसी मैकेनिक खड़े खड़े जबलपुर से सोमनाथ, जम्मूतवी व गाड़ी के अंतिम पड़ाव तक ड्यूटी करता है. इस कारण सभी एसीटीएल स्टाफ बीमार हो रहे हैं. मंडल प्रशासन इस प्रकार की हठधर्मिता व तानाशाही केवल कुछ रुपये ओवर टाइम बचाने के लिये कर रहा है,

अपने घरों में एसीटीएल स्टाफ से चाकरी करा रहे अफसर

यूनियन के मुताबिक कई एसीटीएल कर्मचारियों को अधिकारियों ने अपने घरों व आफिसों में लगा रखा है. उनसे गाड़ी में ड्यूटी कराने पर समस्या आसानी से हल हो सकती है. मेन शाखा सचिव कामरेड रोमेश मिश्रा ने कहा कि एसीटीएल स्टाफ की क्रमिक भूख हड़ताल एवं काम बंद का निर्णय समस्याओं के निराकरण होने तक चलेगा. इस दौरान सैकड़ों रेल कर्मचारियों ने संघर्ष में अपना समर्थन दिया. प्रमुख रूप से का. प्रहलाद सिंह, का . जितेन्द्र कुमार, का. ओम प्रकाश, का. राकेश पाण्डेय, का. जरनैल सिंह, का. चन्दन, का तारा सिंह, का. रमेश सिंह उपस्थित रहे.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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