नई दिल्ली. दिल्ली सरकार ने सोमवार को दिल्ली हाईकोर्ट में अपनी राशन वितरण योजना का बचाव करते हुए कहा कि यह बात पूरी तरह गलत है कि योजना के लागू होने से उचित मूल्य की दुकानें बंद हो जाएंगी. सरकार ने तर्क दिया कि यह एक वैकल्पिक योजना है और लाभार्थी चाहें तो वे कभी भी इससे बाहर हो सकते हैं तथा किसी भी लाभार्थी ने योजना के कार्यान्वयन के तरीके पर सवाल नहीं उठाया है.
जस्टिस विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने कहा कि प्रमुख मुद्दा यह है कि योजना के क्रियान्वयन के साथ उचित मूल्य की दुकानों (एफपीएस) को व्यवस्था से बाहर नहीं किया जाना चाहिए. पीठ ने कहा, केंद्र का कहना है कि एफपीएस राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम का एक अभिन्न अंग है, इसलिए आप इसे खत्म नहीं कर सकते.
दिल्ली सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि यह एक गलत धारणा है कि राज्य एफपीएस को खत्म करना चाहता है. अदालत दिल्ली सरकार राशन डीलर्स संघ की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें घर-घर राशन उपलब्ध कराने की दिल्ली सरकार की योजना को चुनौती दी गई है.
केंद्र सरकार की ओर से क्या कहा गया
इस मामले में अब तीन दिसंबर को आगे सुनवाई होगी. सुनवाई के दौरान, केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि अदालत को किसी भी राज्य को एनएफएसए की संरचना में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए. उन्होंने कहा, "भारत संघ के रूप में, हम केवल एनएफएसए के पूर्ण अनुपालन को लेकर चिंतित हैं."
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली के सिरसपुर में एक घर से पति-पत्नी और 2 बच्चों के शव बरामद, जांच में जुटी पुलिस
दिल्ली की सर्दी में वरुण धवन-नोरा फतेही ने लगाया गर्मी का तड़का
दिल्ली में आज से खुलेंगे स्कूल-कॉलेज, सरकारी कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम की सुविधा भी खत्म
कोरोना वायरस के नये वेरियंट की दहशत के बीच दिल्ली में सोमवार से खुलेंगे स्कूल, जारी हुये आदेश
गौतम गंभीर को तीसरी बार ISIS ने दी जान से मारने की धमकी, कहा- दिल्ली पुलिस भी कुछ नहीं कर सकती
अकेले सरकार नहीं, अब दिल्लीवाले खुद भी निपटेंगे दिल्ली के वायु प्रदूषण से
Leave a Reply