आइसक्रीम पार्लर्स को मिल सकती है रेट्रोस्पेक्टिव GST से राहत, पुराने बिल पर टैक्स भरने से छूट संभव

आइसक्रीम पार्लर्स को मिल सकती है रेट्रोस्पेक्टिव GST से राहत, पुराने बिल पर टैक्स भरने से छूट संभव

प्रेषित समय :13:19:25 PM / Thu, Dec 9th, 2021

नई दिल्ली. आइसक्रीम पार्लर्स को रेट्रोस्पेक्टिव GST से राहत मिल सकती है. सूत्रों के मुताबिक, जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में इस मुद्दे पर अहम फैसला हो सकता है. वित्त मंत्रालाय की सफाई से उलझन पैदा हुई थी. ग्रुप ऑफ मिनस्टर्स पार्लर को छूट देने के पक्ष में हैं. पार्लर मालिक 2017 से बढ़ा हुए GST दर लागू करने को लेकर परेशान थे.

वित्त मंत्रालय के 6 अक्टूबर के नोटिफिकेशन के बाद से देश भर के आइसक्रीम पार्लर मालिक को इस बात का डर सता रहा था कि कहीं टैक्स अधिकारी उनको रेट्रोस्पेक्टिव रेट यानी 18 फीसदी की दर से टैक्स चुकाने का नोटिस न थमा दे. सीएनबीसी आवाज़ की रिपोर्ट के मुताबिक, जीएसटी दर को लेकर गठित ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स ने इस मुद्दे पर चर्चा की है और वो जिस तारीख से नोटिफिकेशन जारी हुआ है, उसी तारीख से जीएसटी चुकाने की सिफारिश कर सकते हैं. यानी उन्हें रेट्रोस्पेक्टिव रेट से जीएसटी चुकाना नहीं पड़ेगा.

अभी तक जितने भी आइसक्रीम पार्लर थे, वो अपने आप को रेस्टोरेंट मानकर सिर्फ 5 फीसदी की दर से ही सर्विस चार्ज के तौर पर बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट लिए आइसक्रीम बेच रहे थे. लेकिन वित्त मंत्रालय की सफाई में कहा गया था कि अब देश में कहीं पर भी आइसक्रीम बेचने पर 18 फीसदी टैक्स लगेगा.

इसके बाद आइसक्रीम पार्लर पर यह संकट हो गया था कि कहीं टैक्स अधिकारी उनसे 2017 से ही जो टैक्स में अंतर है यानी 13 फीसदी दर से जीएसटी चुकाने का नोटिस न थमा दे. लेकिन अब आइसक्रीम पार्लर्स को रेट्रोस्पेक्टिव टैक्स नहीं चुकाना पड़ेगा. इसका फैसला आगामी जीएसटी काउंसिल की बैठक में हो सकता है.

आपको बता दें कि वित्त मंत्रालय ने कहा था कि पहले से बनी आइसक्रीम बेचने वाले आइसक्रीम पार्लर, रेस्टोरेंट जैसे नहीं होते हैं. वे किसी भी स्तर पर खाना पकाने के किसी भी रूप में संलग्न नहीं होते हैं, जबकि रेस्तरां सर्विस प्रदान करने के दौरान खाना पकाने के काम में शामिल होते हैं.

आइसक्रीम पार्लर पहले से ही निर्मित आइसक्रीम बेचते हैं और एक रेस्तरां की तरह उपभोग के लिए आइसक्रीम नहीं पकाते / तैयार नहीं करते हैं. आइसक्रीम की आपूर्ति माल के रूप में होती है न कि सर्विस के रूप में, भले ही आपूर्ति में कुछ सामग्री की ही सर्विस की है. इसलिए कि पार्लर या इसी तरह के किसी आउटलेट द्वारा बेची जाने वाली आइसक्रीम पर 18 फीसदी की दर से जीएसटी लगेगा. रेस्तरां में बेचे जाने वाले भोजन पर बिना इनपुट टैक्स क्रेडिट के 5 फीसदी टैक्स लगता है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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